चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लिखा है कि गलत तरीकों से अर्जित किया धन इंसान के पास ज्यादा दिन नहीं टिकता है. ऐसा धन आपके पास ज्यादा से ज्यादा एक दिखावा बनके रह जाता है. साथ हि ऐसी संपत्ति का विनाश होना तय है. पापकर्म या किसी को कष्ट देकर कमाया हुआ धन अभिशापित होता है.
ये धन जहां भी जाएगा, बर्बादी ही लेकर आएगा.
गलत तरीकों से धन कमाने वालों की ओर इशारा करता है ये चाणक्य का श्लोक-”अन्यायोपार्जितं द्रव्यं दश वर्षाणि तिष्ठति। प्राप्ते एकादशे वर्षे समूलं च विनश्यति।।” श्लोक का अर्थ है कि अन्याय और गलत ढंग से कमाया धन ज्यादा से ज्यादा 10 साल तक इंसान के पास रहता है. इसके बाद निश्चित ही इस धन का विनाश होना है.
आइए जानते हैं कौन से वे तरीके –
1. चोरी का धन- नीति में लिखा है कि जो लोग चोरी करके धन अर्जित करने का प्रयास करते हैं, उनके पास ये धन ज्यादा दिन के लिए नहीं रहता है. चोरी के बाद आपका बैंक अकाउंट रुपयों से भर जाए, लेकिन इसके साथ आया अभिशाप एक दिन आपको इन पैसों से दूर कर देगा.
2.धोखा देकर कमाया धन- ऐसे तरीकों से कमाया धन कभी जरूरत के समय काम नहीं आता है.धोखा देकर या झूठ बोलकर कमाया हुआ धन भी स्थिर नहीं होता है. जिस घर में ये पैसा जाता है, वहां कभी बरकत नहीं रहती है. खुद घर के लोग अपनों का दिल नहीं जीत पाते हैं.
3.शोषण करके कमाया धन- आचार्य के अनुसार, फैक्टरी या मील के मालिकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए. अधिक धन अर्जित करने के लिए कभी किसी इंसान का शोषण ना करें. इन पैसों के साथ आया अभिषाप आपकी पूरी संपत्ति को नष्ट कर सकता है. दूसरों का शोषण करके कमाए हुए धन से ना तो इंसान का भला होता है और ना ही वो धन हमेशा इंसान के पास टिकता है.