उत्तराखंड के केदारनाथ के नजदीक हेलिकॉप्टर हादसे के बाद अब इसकी जांच की जा रही है। इस बीच केदारनाथ हेलिपैड पर तैनात किये गये सुरक्षा गार्ड ने इस हादसे की कहानी बताई है। इस हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी। सुरक्षा गार्ड ने बताया कि उड़ान भरने के महज पांच से छह सेकेंड में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हेलिकॉप्टर Aryan Aviation Pvt Ltd की है। हेलिपैड पर तैनात गार्ड मनोहर सिंह के मुताबिक, घने कोहरे के बीच हेलिकॉप्टर एक छोटी पहाड़ी से टकरा गया और क्रैश कर गया। यह हेलिकॉप्टर चंद सेकेंड के अंदर केदारनाथ से करीब 2 किलोमीटर गरुड़चट्टी के पास क्रैश हो गया।क्रैश होने के बाद हेलिकॉप्टर कई टुकड़ों में बंट गया और उसमें आग लग गई। मनोहर सिंह ने बताया कि वहां कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। वहां कोहरे की चादर बिछी हुई थी। लेकिन क्रैश होने के बाद जोरदार आवाज आई तो सभी लोग वहां दौड़ कर पहुंचे।
सुरक्षागार्ड के मुताबिक, जैसे-जैसे कोहरा छटने लगा, हेलिकॉप्टर नजर आने लगा उसमें आग लगी हुई थी। गरुड़चट्टी की पहाड़ियों के पास हेलिकॉप्टर का मलबा बिखरा पड़ा था। जहां यह हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ वहां से कुछ ही दूरी पर मौजूद अंकुर शुक्ला ने कहा जब उन्होंने देखा कि हेलिकॉप्टर के एक बड़े हिस्से में आग लगी हुई है तब उन्हें समझ आया कि कोई बड़ा हादसा हुआ है। जब वो केदारपुरी से लौटे तब उन्हें इस हादसे के बारे में पूरी जानकारी मिली।
Six Sigma Healthcare firm के प्रमुख डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज ने आशंका जताते हुए कहा कि मुख्य तौर पर Low Visibility की वजह से ही यह हादसा हुआ होगा। यहां हवाई सेवाओं का विस्तार जरूर हुआ है लेकिन उसके मुताबिक सुरक्षा और नियंत्रण के साधन विकसित नहीं किये जा सके हैं। यहां DGCA का अब तक कोई कार्यालय भी नहीं है।