दुनिया की खबरें: अमेरिका-ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बी सहयोग की योजना विफल और चीन का जोंगशिंग 1 ई उपग्रह को लॉन्च

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12 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वह औपचारिक रूप से अमेरिका-ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बी सहयोग से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा। यह इस बात का प्रतीक है कि तीनों देशों के बीच परमाणु पनडुब्बी सहयोग उन तीनों द्वारा निपटारा नहीं किया जा सकता, जबकि आईएईए निगरानी करेगी।

अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया तीनों नाभिकीय अप्रसार संधि के संस्थापक देश हैं, जिन्हें नाभिकीय अप्रसार का कर्तव्य निभाना चाहिए। अमेरिका और ब्रिटेन कुछ भी चाल चले तब भी वे एक बुनियादी तथ्य को नहीं बदल सकते हैं यानी तीनों देशों के बीच इस सहयोग में हथियार स्तरीय समृद्ध यूरेनियम और संबंधित प्रौद्योगिकियों और उपकरणों का हस्तांतरण शामिल हैं, जो नाभिकीय प्रसार का खतरा पैदा हो सकेगा। उनकी कार्रवाई नाभिकीय अप्रसार संधि के लक्ष्य और चार्टर का उल्लंघन करती है, इसलिए आईएईए के सभी सदस्य देशों द्वारा एक साथ विचार करने के बाद निर्णय लेने की आवश्यकता है।

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