अगर आपके घर में भी है बेटी तो जरूर पढ़ें ये खबर

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बेटियों को लेकर समाज की सोच में काफी बदलाव आए हैं लेकिन फिर भी आए दिन कई ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जिन्हें पढ़कर या जानकर मां-बाप की चिंता बढ़ जाती है. कई परिवार ऐसे हैं जो अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा देना चाहते हैं, नौकरी भी करने देना चाहते हैं लेकिन समाज में फैली बुराइयों को देखकर अपने पैर पीछे खींच लेते हैं. आप चाहें तो इसे उनका डर कह सकते हैं लेकिन ये डर से कहीं अधिक उनकी चिंता का परिणाम होता है.

ये बात सही है कि एक शख्स के आगे आने से पूरा समाज नहीं बदल सकता है. समाज में बदलाव लाने के लिए हर किसी को अपने स्तर पर कोशिश करने की जरूरत है. पर अगर आपके घर में भी लड़की है और वो पढ़ाई, नौकरी या फिर किसी दूसरे काम के सिलसिले में बाहर जाती है तो बतौर अभि‍भावक कुछ सावधानियां बरतना आपके लिए भी जरूरी हैः

आने-जाने का समय पता हो
अगर आपकी बेटी कहीं बाहर जा रही है तो आपको उसके आने-जाने का वक्त पता होना चाहिए लेकिन हिटलर बनने की जरूरत नहीं है. हो सकता है कि किसी जरूरी वजह से आपकी बेटी को कभी लौटने में देर हो जाए, इस बात पर उसे फटकारने के बजाय प्यार से पूछिए कि उसे कहां देर हो गई. क्यों देर हो गई. आज के समय में जब मोबाइल रखना बहुत आम बात हो गई है तो उसे भी एक मोबाइल दे दें ताकि देर होने पर वो आपको सूचित कर सके. साथ ही किसी तरह की परेशानी होने पर भी वो आपको बता से.

बेटी के साथ दोस्त बनकर रहें
ये बहुत जरूरी है कि आप अपनी बेटी के साथ मां या पिता कम और दोस्त बनकर ज्यादा रहें. ताकि वो अपनी हर बात आपसे खुलकर बता सके. उसकी बातें ही आपको उसके लिए सही फैसला लेने या फिर उसे किसी परेशानी से बचाने में मदद करेगी.

उसके साथ के लोगों के बारे में जानकारी
आपकी बेटी किन लोगों के साथ उठती-बैठती है ये जानना आपके लिए भी जरूरी है. संगति का असर बहुत तेज होता है ऐसे में सुनिश्चित करें कि उसकी संगति अच्छे लोगों की ही हो. ऐसे लोगों की नहीं जो उसे गलत कामों के लिए उकसाएं.

उसे स्पेस भी दें
बच्ची को उसका स्पेस देना बहुत जरूरी है. हर समय उसके पीछे परछाई की तरह रहना भी उसे आपसे दूर ले जा सकता है. उसे ये भी लग सकता है कि आप उस पर भरोसा नहीं करते हैं. ये आप दोनों के लिए परेशानी की वजह बन सकता है.

उसे जरूरी बातें बताएं
हर अभ‍िभावक को अपनी बेटी को आत्मरक्षा के बारे में बताना चाहिए. आपकी बेटी के बैग में कुछ ऐसी जरूरी चीजें हमेशा होनी चाहिए जिनसे वो खुद को कमजोर न महसूस करे. इसके अलावा आजकल कई ऐसे कैंप होते हैं जिनमें आत्मरक्षा के तरीके बताए जाते हैं. आप अपनी बेटी को लेकर वहां जा सकती हैं.

अपनी राय थोपें नहीं
बेटी से अपनी बात कहना और उसे उसके फायदे-नुकसान बताना सही है लेकिन उस पर अपनी राय थोपना गलत है. आप उसे हर बात का भला-बुरा बता दें पर फैसला उसे ही करने दें. इससे उसकी समझ भी बढ़ेगी और वो जीवन के दूसरे फैसले भी बिना डरे ले सकेगी.

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