अर्थव्यवस्था 2014 की तुलना में बेहतर-अरुण जेटली

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तीन महीने के स्वास्थ्य लाभ से लौटे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछली यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि जब से 2014 में एनडीए सरकार बनी है तब से देश की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा है कि IMF द्वारा जारी 2014 और 2018 के आंकड़ों की तुलना करने पर यह साबित होता है कि महंगाई, वित्तीय घाटा, चालू खाते का घाटा, रुके पड़े आधारभूत संरचना के प्रोजेक्ट, ऊर्जा क्षेत्र और प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन पूर्व सरकार की नाकामयाबी का नतीजा थें.

सोशल साइट ट्वीटर और फेसबुक पर ब्लॉग के जरिए वित्त मंत्री ने IMF द्वारा जारी फरवरी 2014 और जुलाई-अगस्त 2018 के आंकड़ों की तुलना करते हुए लिखा कि हम पिछले चार सालों में काफी आगे बढ़े हैं, विधायिका और अन्य माध्यमों से सरकार ने कई सुधार किए हैं. जिससे देश की आर्थिक प्रणाली साफ-सुथरी और पारदर्शी हुई है.

उन्होंने कहा कि पिछले चाल सालों में उठाए गए निर्णायक कदमों की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था कई देशों के आगे खड़ी है. जेटली ने सभी को IMF की रिपोर्ट पढ़ने की अपील की, जो अब सार्वजनिक है.

पूर्ववर्ती सरकार और मौजूदा सरकार में अंतर का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि IMF रिपोर्ट ने 2014 में व्यापक आर्थिक अस्थिरता और संरचनात्मक कमजोरियों को उजागर किया, जिसकी वजह से देश में महंगाई, वित्तीय घाटा, चालू खाते के घाटे के साथ आधारभूत संरचना और ऊर्जा क्षेत्र के प्रोजेक्ट रुक गए.

वहीं 2018 में रिपोर्ट के अनुसार 2014 के मुकाबले आर्थिक स्थिरता आई है और संरचनात्मक सुधार करने का फल भी मिला है. नवंबर 2016 में नकदी को लेकर उठाए गए कदम और जुलाई 2017 में जीएसटी लागू करने की वजह से आर्थिक वृद्धि दर में कमी आई लेकिन अब निवेश के बढ़ने से गति में तेजी आई है और इसकी भरपाई हो रही है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस नीत यूपीए-I और यूपीए-II सरकार ने आजादी के बाद देश की अर्थव्यवस्था को सबसे अच्छी दशकीय वृद्धि दी. जबकि मोदी सरकार के दौरान 2017-18 की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 फीसदी है जो चार सालों में सबसे निचले स्तर पर है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जेटली जी को मालूम होना चाहिए कि मोदी सरकार को एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था विरासत में मिली. लेकिन बीजेपी के अनौपचारिक और सीमित आर्थिक नीतियों- नोटबंदी और त्रुटिपूर्ण तरीके से जीएसटी लागू करने की वजहों से एक गतिशील अर्थव्यव्था की गति मंद पड़ गई. न कहीं नौकरियां हैं, निवेश अपने निचले स्तर पर है और सुधारों की गति मंद है.

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