मध्यप्रदेश को बनायें कोरोना मुक्त और रोगमुक्त-मुख्यमंत्री श्री चौहान

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस से लॉक डाउन कायम नहीं रखा जा सकता था। आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करना भी बहुत आवश्यक था, लेकिन अनलॉक होने से लोग बाजारों में बहुत भीड़ न लगाएं। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। दिलों में दूरियाँ न हों लेकिन शरीर की दूरी रखनी पड़ेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम काढ़ा भूल गए थे। अब उसकी उपयोगिता समझ आई है। हमारे भारतीय नुस्खों ने कमाल किया है। थूकने की आदत भी खतरनाक है। स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। सभी प्रदेशवासियों को हर व्यक्ति की जांच कराने का कार्य खुद आगे बढ़कर करना चाहिए। हम तभी इस लड़ाई को लड़ते हुए जीतेंगे और कोरोना हारेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया प्रतिनिधियों से भी कोरोना जागरुकता की दिशा में पूर्व में दिए गए सहयोग को बनाये रखते हुए भागीदारी का आव्हान किया।

चिकित्सकों ने दी सेवा के संकल्प की जानकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न चिकित्सकों से भी बातचीत की और उनकी सेवाओं के लिए आभार माना। इन चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को जानकारी दी कि यह उनका संकल्प है कि आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं देने में कभी पीछे नहीं हटेंगे। इनमें दन्त चिकित्सक डॉ. संजुला चतुर्वेदी, डॉ. हर्षा पाटिल, डॉ. पूनम चंदानी, डॉ. प्रशांत ठाकुर, डॉ. नितीश सोनी और आयुष चिकित्सक डॉ. जितेंद्र राठौर, डॉ. नेहा ठाकुर और डॉ. पूर्णिमा चौहान शामिल हैं।

सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के सक्षम नेतृत्व के कारण प्रशासन तंत्र ने कोरोना नियंत्रण का अच्छा कार्य कर दिखाया है। सुश्री ठाकुर ने कहा कि उन्होंने आवश्यकता होने पर हेल्प लाइन और प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से लोगों की सहायता के लिए जब भी अनुरोध किया, संबंधित लोगों को बिना दिक्कत के सहयोग प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की पौने तीन सौ घंटे वीडियो कान्फ्रेंस से समीक्षा
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत आज से प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य सर्वे प्रारंभ हो रहा है। प्रदेश में गत तीन माह से निरंतर कोरोना नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रतिदिन गहन समीक्षा करते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने गत 23 मार्च से अब तक करीब पौने तीन सौ घंटे वीडियो कान्फ्रेंस कर लगातार यही निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में कोरोना से मृत्यु को रोका जाए। प्रदेश में हर टेस्ट और उपचार निर्धारित अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है। संजीवनी टेली मेडिसन सेवा भी नागरिकों के लिए उपयोगी सिद्ध हुई। राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश कभी संक्रमण की दृष्टि से चौथे क्रम पर था जो अब 12वें क्रम पर है। प्रदेश में कोरोना की ग्रोथ रेट भी अन्य प्रदेशों से कम है। जबकि रिकवरी रेट सर्वाधिक है। प्रदेश में रोगियों के लिए विकसित बिस्तर क्षमता का 17 प्रतिशत ही उपयोग में आ रहा है।

भोपाल की चार लाख से अधिक आबादी का स्वास्थ्य सर्वेक्षण
प्रारंभ में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं कोरोना नियंत्रण के लिए भोपाल जिले के प्रभारी श्री फैज अहमद किदवई ने जानकारी दी कि राज्य स्तरीय अभियान के पूर्व प्रयोग के तौर पर 27 से 29 जून तक भोपाल शहर की 52 बस्तियों में सर्वे टीम द्वारा सर्वे किया गया। कुल 6455 सेंपल भी लिए गए जिसमें से 160 पॉजीटिव आए। यह प्रतिशत लगभग 2.5 है। कुल 86 हजार 749 घरों के सर्वे में 4.13 लाख आबादी कवर की गई। सार्थक लाइट एप के माध्यम से रोगी की शीघ्र पहचान का कार्य होगा। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप में निकटतम उपचार केन्द्र, नोडल अधिकारी का नाम, उसका दूरभाष क्रमांक, सेम्पल संग्रह केन्द्र और फीवर क्लीनिक की जानकारी प्राप्त होती है।

किल-कोरोना अभियान के शुभारंभ अवसर पर कोरोना नियंत्रण के प्रयासों पर निर्मित दो फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। कलेक्टर भोपाल श्री अविनाश लवानिया ने आभार व्यक्त किया।

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