सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलने से बढ़ेगी खो-खो की लोकप्रियता : मित्तल

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भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने सोमवार को उम्मीद जतायी है कि अन्य खेलों की तरह इस खेल से जुड़े खिलाड़ियों को भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद यह पारपंरिक खेल देश में अधिक लोकप्रियता हासिल करेगा।

मित्तल ने देश में स्वदेशी खेलों को करियर विकल्प के रूप में मान्यता दिये जाने के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री किरेन रीजीजू का आभार भी व्यक्त किया। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के भी उपाध्यक्ष मित्तल ने कहा- मैं खो-खो को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री किरेन रीजीजू का आभार व्यक्त करता हूं। पहले सरकारी नौकरियों के लिए (खेल कोटे में) खो-खो पर विचार नहीं किया जाता था, लेकिन अब खो-खो खिलाड़ियों को भी इस योजना के तहत नौकरी मिल सकती है। और इसका श्रेय केंद्र सरकार को जाता है।’’

उन्होंने कहा- इसलिए, खिलाड़ी अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और मुझे यकीन है कि इस तरह के प्रेरक कदम भारत में खेल को बढ़ावा देंगे। खो-खो महासंघ जल्द ही इंडियन प्रीमियर लीग और कबड्डी लीग की तर्ज पर खो-खो लीग के आयोजन पर विचार कर रहा है और मित्तल को उम्मीद है कि अपनी तेजी और स्फूर्ति के कारण यह लोकप्रियता हासिल करने में सफल रहेगी।

उन्होंने कहा- लीग अब हर खेल में हो रही है। क्रिकेट के बाद, लोगों ने कबड्डी लीग को काफी सराहा है। कबड्डी की तरह ही खो-खो में भी गति शामिल है। लोगों को यह बहुत पसंद आएगी। हमारी लीग 21 नवंबर से शुरू होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। हम जल्द ही नई तारीखों की घोषणा करेंगे।