CamScanner ऐप को प्ले स्टोर से हटाया गया

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CamScanner ऐप काफी पॉपुलर है. अगर आपके स्मार्टफोन में भी ये ऐप है तो खबर आपके लिए जरूरी है. एक बड़ी समस्या है और ये समस्या एक बार फिर से एंड्रॉयड यजर्स के लिए है. कुछ समय से लगातार गूगल प्ले स्टोर में मैलवेयर वाले ऐप्स मिल रहे हैं.

Kaspersky Lab ने कहा है कि गूगल प्ले स्टोर पर पॉपुलर डॉक्यूमेंट स्कैनिंग ऐप Camscanner में कुछ खतरनाक मॉड्यूल मिले हैं जो या तो ऐड पुश कर रहे हैं या यूजर के स्मार्टफोन में बिना सहमति के ऐप डाउनलोड करा रहे हैं.

इस ऐप में एक तरह का Trojan Dropper पाया गया है जिसकी मदद से हैकर्स आपके स्मार्टफोन को टार्गेट कर सकते हैं और किसी भी तरह के मैलवेयर से आपके स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

CamScanner में मैलवेयर पाया गया है और मुमकिन इसने कई यूजर्स को प्रभावित किया हो और लॉगइन डीटेल्स भी चुराए हों.

गूगल प्ले स्टोर से कुछ समय के लिए इस ऐप को हटाया भी गया. प्ले स्टोर से हटाने की वजह इसमें पाया गया खतरनाक मॉड्यूल था. इसका पेड वर्जन अब भी गूगल प्ले स्टोर पर है.

CamScanner नाम के इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से 100 मिलियन से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है और इसकी रेटिंग 4.6 है. आम तौर पर लोग कोई भी दस्तावेज स्कैन करने के लिए इसे यूज करते हैं.

Kaspersky ने कहा है, ‘CamScanner असल में एक सही ऐप था और इसके कोई गलत इरादे भी नहीं थे. इन ऐप परचेज और विज्ञापन के जरिए ये ऐप पैसे कमाता है. लेकिन ये अब बदल गया है और हाल के वर्जन में Malicious Module वाली एडवर्टाइजिंग की लाइब्रेरी है’

इस मॉड्यूल को Trojan Dropper Android OS Necroin बताया जा रहा है. कुल मिला कर समझने वाली बात ये है कि ये ऐप के अंदर ही दूसरा कॉम्पॉनेंट चला सकता है और इसका ट्रोजन डाउनलोडर डिवाइस को मैलवेयर से प्रभावित कर सकता है.

आपको क्या करना चाहिए?
अगर आपके स्मार्टफोन में भी CamScanner है तो मुमकिन है आपका डिवाइस इससे प्रभावित हो. चाहें तो कुछ समय के लिए आप इसे हटा भी सकते हैं. चूंकि इस ऐप में दिक्कत नहीं है इसके एक वर्जन में समस्या है. इसलिए जल्द ही कंपनी स्टेमेंट जारी करके नए अपडेट के बारे में बताएगी.

इसके अलावा अगर मोबाइल में एंटी वायरस है तो फोन को इससे स्कैन कर लें.

Google Play Store पर पिछले कुछ समय से लगातार मैलवेयर वाले ऐप्स की खबरें आ रही हैं. सवाल ये है कि गूगल के उन बड़े दावों का क्या जो वो गूगल प्ले स्टोर को लेकर करती है. कंपनी का दावा है कि गूगल प्ले प्रोटेक्ट से लाखों करोड़ों ऐप्स को स्कैन किया जाता है, ताकि कोई भी गलत ऐप गूगल प्ले स्टोर पर न आए. लेकिन इससे उलट आप हमेशा खबर पढ़ते होंगे कि गूगल प्ले स्टोर पर मैलवेयर वाले ऐप्स मिले हैं.

क्या होता है परिणाम?
दरअसल इस तरह के मैलवयेर अटैक का रिजल्ट तुरंत नहीं मिलता है. हैकर्स काफी स्मार्ट होते हैं वो जानकारी इकठ्ठी करके धीरे धीरे इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के तौर पर आपका स्मार्टफोन किसी ट्रॉजन वाले ऐप से प्रभावित हो गया और आपकी सारी जानकारी चोरी हो गई. अब ये जानकारियां हैकर्स काफी समय बाद एक एक करके यूज करते हैं ताकि किसी को ये अंदाजा न हो कि इसके लिए कौन सा ऐप जिम्मेदार है. यही वजह है कि किसी भी मैलवेयर वाले ऐप से प्रभावित होने के बाद आपको उसके परिणाम तत्काल नहीं मिलते हैं.

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