कोरोना वायरस से लोगों में खौफ: घरों में अनाज जमा करने की होड़, मंत्री पासवान ने कहा-घबराने की जरूरत नहीं

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देशभर में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों से लोगों में एक अजीब खौफ समा गया है। लोगों को अब लगने लगा है कि पहले से ही कई संस्थानों की बंदी का सामना कर रहे देश में कभी भी चीन के वुहान जैसी लॉकडाउन की स्थिति पैदा हो सकती है। इससे घबराकर लोगों ने अपने घरों में अनाज सहित रोजमर्रा की वस्तुओं को जमा करना शुरू कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, देश के कई हिस्सों में दुकानों में अनाज खत्म होने और उनकी कीमतें बढ़ने की खबरें आने लगी हैं। लोगों के इस डर को दूर करने के लिए बुधवार को उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बीच सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में अनाज उपलब्ध हैं और लोगों को इसके लिए चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं।

केंद्र के पास पर्याप्त अनाज मौजूद
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘1 अप्रैल, 2020 तक PDS के माध्यम से दिए जाने वाले अनाज में 135.8 लाख टन चावल और 74.6 लाख टन गेहूं की आवश्यकता है। कुल 210.4 लाख टन अनाज की जरूरत है, जबकि अभी हमारे पास कुल स्टॉक 646.09 लाख टन है। मतलब हमारे पास अनाज का 435.69 लाख टन अतिरिक्त स्टॉक मौजूद है।

‘राज्य ले सकते हैं अनाज’
राज्य सरकारों को अनाज आपूर्ति को लेकर उन्होंने कहा, ‘इसमें चावल 272.90 और गेहूं 162.79 लाख टन है। केन्द्र के सर्कुलर के मुताबिक, राज्य सरकारें एक बार में 6 महीने तक के लिए PDS का अनाज ले सकती हैं। अभी पंजाब सरकार 6 महीने का और ओडिशा सरकार एक बार में 2 महीने का कोटा ले रही है। अन्य सरकारें भी चाहें तो अनाज ले सकती हैं।’

पासवान ने कहा, ‘अनाज की न कोई कमी है और न इसको लेकर कोई घबराहट है। इसके अलावा, खुले बाजार में भी OMSS के माध्यम से बिक्री हो रही है, जिसमें चावल का भाव 22.50 रुपये प्रति किलो है।’

कई वस्तुओं के मूल्यों की निगरानी
इससे पहले पासवान ने कहा कि सरकार अब साबुन, फर्श एवं हाथ की सफाई वाले क्लीनर और थर्मल स्कैनर जैसी वस्तुओं के दामों पर भी बराबर नजर रखे हुए है। सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आमतौर पर 22 आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की निगरानी करती है। हाल में इसमें चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क और हैंड सैनेटाइजर को भी जोड़ दिया गया है।

मंत्री ने कहा, ‘हम तीन और वस्तुओं- साबुन, डेटॉल और लाइजॉल जैसे फर्श एवं हाथ साफ करने के तरल क्लीनर के साथ-साथ थर्मल स्कैनर के दामों पर निगाह रखे हुए हैं, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के डर से इनकी मांग बढ़ गई है।’ इन वस्तुओं के मूल्यों पर देशभर में 114 स्थानों पर नजर रखी जा रही है।’

…तो आवश्यक वस्तु अधिनियम लागू
पासवान ने कहा कि यदि इन तीनों वस्तुओं के दाम में तेजी आती है तो सरकार इन्हें भी छह माह के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत ले आएगी। उन्होंने कहा कि हैंड सैनेटाइजर और चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क अब आवश्यक वस्तुओं के तहत आते हैं। इनकी कालाबाजारी या जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पांच श्रेणियों के उत्पादों पर निगरानी
उपभोक्ता मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में यदि कीमतें बढ़ती हैं तो सरकार और अधिक उत्पादों के मूल्यों की निगरानी करेगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सरकार पांच श्रेणियों के उत्पादों के दाम की निगरानी करती है। इसमें खाद्यान्न श्रेणी में चावल, आटा, गेहूं, दलहन श्रेणी में चना, तुअर, उड़द, मूंग, मसूर, खाद्य तेल श्रेणी में मूंगफली तेल, सरसों तेल, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, पाम तेल, वनस्पति, सब्जी श्रेणी में आलू, प्याज, टमाटर और विविध श्रेणी में चीनी, गुड़, दूध, चाय और नमक शामिल हैं।

कोरोना वायरस पर लोग जागरूक
पासवान ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर लोगों के बीच बेहतर जागरुकता है। इसलिए देश में अन्य देशों के मुकाबले इसके विकराल रूप लेने की संभावना कम है। उन्होंने कहा, ‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है और हमें खुद की सुरक्षा के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने चाहिए।’ यहां शास्त्री भवन में पासवान ने अपने मंत्रालय के प्रवेश और निकास द्वारों पर हैंड सैनेटाइजर मशीनें लगवाई हैं। इसके अलावा, लोगों की थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही हैं।

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