Holi 2020: प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक है रंग और भांग

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रंगों में डूब जाने का त्योहर, मेल-जोल, खाने-पीने, मस्ती और हुड़दंग का त्योहार होली बस आने ही वाला है। हर तरफ होली की धूम है। हर कोई रंगों में भीग जाना चाहता है। लेकिन आम लोग होली पर जितनी मस्ती, उछल-कूद और हुड़दंग कर सकते हैं, प्रेग्नेंट महिलाओं को उतनी ही सावधानी बरतनी पड़ती है। अगर होली के त्योहार की मस्ती में प्रेग्नेंट महिला जरा सी लापरवाही करे तो उनकी स्किन तो डैमेज होगी ही उनके पेट में पल रहे बच्चे को भी नुकसान हो सकता है। होली के त्योहार में रंगों के साथ ही पानी का भी काफी यूज होता है जिससे आपके बीमार पड़ने का भी खतरा रहता है।

​भ्रूण को कैसे पहुंच सकता है नुकसान?
गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी दूसरे लोगों की तुलना में कमजोर होती है। ऐसे में बीमारियों और इंफेक्शन का खतरा भी उन्हें अधिक होता है। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी स्किन भी बेहद सेंसिटिव रहती है। इस कारण जिन रंगों से सामान्य लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है, उन रंगों के प्रति भी प्रेग्नेंट महिलाएं संवेदनशील हो सकती हैं। मार्केट में आमतौर पर मिलने वाले रंगों में सिंथेटिक, इंडस्ट्रियल डाई और ऑक्सिडाइज्ड मेटल होता है। ऐसे में ये रंग होने वाले बच्चे के नर्वस सिस्टम और सांस से संबंधित रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इतना ही नहीं केमिकल वाले रंगों की वजह से मिसकैरेज, प्रीमच्योर डिलिवरी और जन्म के वक्त बच्चे का वजन कम होना जैसी गंभीर दिक्कतें भी हो सकती हैं।

​बच्चे को दूध पिलाने वाली मांएं भी रहें सतर्क
अगर आप न्यू मॉम हैं और बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं तो आपको भी होली के दौरान केमिकल वाले हानिकारक रंगों से बिलकुल दूर रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ये रंग आपके दूध के जरिए शिशु के शरीर में पहुंच जाएं, तो नवजात के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकते हैं।

​होली पर भांग से भी बनाएं दूरी
होली के त्योहार के दौरान बहुत से लोग जमकर भांग का भी सेवन करते हैं। भांग मिली हुई ठंडई, भांग की गुजिया और कई तरह की रेसिपीज खासकर होली के मौके पर बनाई जाती है। गर्भवती महिलाएं अगर भांग का सेवन करें तो इसका सीधा असर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है और उसे कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है। सिर्फ प्रेग्नेंट महिलाओं को ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी भांग से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि भांग के सेवन से उनके मां बनने की क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

​केमिकल वाले सिंथेटिक कलर से हेल्थ को नुकसान
पहले होली खेलने के लिए फूल, मसाले या पौधों का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन आजकल केमिकल्स से कलर तैयार किए जाते हैं जो सिर्फ प्रेग्नेंट ही नहीं बल्कि हर किसी के लिए हानिकारक है। केमिकल वाले टॉक्सिक कलर्स स्किन के साथ आंखों व लंग्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहीं इसमें मौजूद लेड और मरकरी जैसे तत्व शिशु के दिमागी विकास में बाधा बनते हैं।

नेचुरल रंगों से खेले होली
गर्भवती महिलाएं व ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली न्यू मॉम्स पानी में हल्दी, सिंदूर, चंदन की लकड़ी मिलाकर नैचुरल या ऑर्गैनिक रंगों से ही होली खेलें।

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