ईरान ने रविवार को कहा कि इसके नागरिक इस साल हज यात्रा पर जाने से वंचित रह जाएंगे, क्योंकि सऊदी अरब बाधा पैदा कर रहा है. उसने सऊदी अरब पर अल्लाह तक जाने की राह ‘बाधित’ करने का आरोप लगाया.
सऊदी अरब इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र स्थल का संरक्षक है. सऊदी अरब ने कहा है कि ईरान की हज मांगें ‘अस्वीकार्य’ हैं.
पिछले साल गए थे 60 हजार लोग
ईरानी हज संगठन ने कहा, ‘सऊदी अरब हज जाने के ईरानियों के पूर्ण अधिकार का विरोध कर रहा है और अल्लाह के पास जाने का रास्ता बाधित कर रहा है.’ संगठन ने कहा कि सऊदी अरब मक्का में ईरानी श्रद्धालुओं की ‘सुरक्षा और सम्मान’ की उसकी मांगों का जवाब देने में नाकाम रहा है जिनमें से 60,000 लोग पिछले साल हज पर गए थे. ईरान के संस्कृति मंत्री अली जन्नती ने बताया कि क्षेत्रीय प्रतिद्वंदियों तेहरान और रियाद के बीच ताजा विवाद के बाद ईरानी श्रद्धालु दुर्भाग्य से सितंबर में हज यात्रा पर जाने में सक्षम नहीं होंगे. सऊदी के अड़चन डाले जाने के चलते दो श्रृंखलाओं की वार्ता बेनतीजा रही.
वहीं, रियाद के हज मंत्रालय ने बताया कि इसने दो दिनों की वार्ता में ईरानियों द्वारा की गई कई मांगों को पूरा करने के लिए इसने कई समाधान की पेशकश की थी. इलेक्ट्रॉनिक वीजा का इस्तेमाल करने सहित कुछ चीजों पर सहमति बन गई थी.
ईरान ने कि प्रदर्शन की मांग
रविवार को जेद्दा में ब्रिटेन के आगंतुक विदेश मंत्री फिलिप हामांडे के साथ सउदी विदेश मंत्री अब्देल अल जुबेर ने एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में ईरान की मांगों की निंदा की. जुबेर ने कहा कि ईरान ने प्रदर्शन करने की मांग की है. इससे हज के दौरान अव्यवस्था होगी. यह अस्वीकार्य है. पिछले करीब तीन दशक में यह पहला मौका होगा जब ईरान के लोग हज पर नहीं जा सकेंगे.
दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध नहीं
गौरतलब है कि सऊदी अरब में एक प्रमुख शिया धर्मगुरू को मौत की सजा दिए जाने के बाद तेहरान में सउदी के दूतावास एवं वाणिज्यदूतावास पर हमले हुए थे. इसको लेकर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध जनवरी महीने से खत्म है.