ज्येातिष शास्त्र के अनुसार शारीरिक पीड़ा से मुक्ति दिलाएगा रविवार का व्रत

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रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है, इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को शरीर की हर समस्या से मुक्ति मिलती है। अगर आप भगवान की दया से निरोग है, तब भी रविवार का व्रत आवश्य करें, ताकि जीवन भर कोई शारीरिक समस्या आपको परेशान न कर सके। आइए जानते हैं रविवार के व्रत और पूजा विधि से जुड़ी कुछ खास बातें, जिनका आपको व्रत के दौरान खास ध्यान रखना चाहिए…

सूर्य देव व्रत की कथा

एक बार एक गांव में बूढ़ी औरत रहती थी, जो सूर्य देव की भक्त थी। वो हर सुबह गाय के गोबर से अपने घर का लेप करती थी। वह गोबर वह अपनी पड़ोसन के घर से लाती थी। मगर उसे ऐसा करता देख पड़ोसन को गुस्सा चढ़ता था। एक दिन उसने बूढ़ी औरत के आने से पहले ही गोबर उठा लिया। उस दिन बूढ़ी औरत न तो घर का लेप कर पाई और न ही समय पर सूर्य देव की अराधना कर सकी। बूढ़ी औरत को दुखी देख सूर्य देव ने उन्हें सोने का गोबर करने वाली गाय अर्पित की। मगर कुछ दिनों बाद यह खबर गांव के राजा के पास पहुंची…

जब राजा को सोने का गोबर करने वाली गाय का पता चला तो वह उस गाय को अपने राज महल ले गया। इस बात से नाराज सूर्य देव ने राजा के राजमहल को गोबर से भर दिया। तब जाकर राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ, और पूरे आदर सम्मान के साथ वह गाय को बूढ़ी औरत के घर छोड़ने गया। साथ ही राजा ने पूरी प्रजा को हर हफ्ते सूर्य देव का व्रत करने का आदेश भी दिया। जिसके बाद से गांव की खुशहाली में चार चांद लग गए, वहां रहने वाले लोगों की हर मनोकामना सूर्य देव पूरी करने लगे।

व्रत से पहले संकल्प लेना है जरूरी

जब भी रविवार यानि सूर्य देव के लिए व्रत करें, तो शुरुआत करने से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी है कि आप कुल कितने व्रत रखेंगे। व्रत समाप्त होने के बाद धन्यवाद के तौर पर आखिरी व्रत के बाद एक और व्रत जरूर करें। इससे सूर्य देव की अपार कृपा के भागीदार बनेंगे। सेहत से जुड़ी हर समस्या को दूर करने के लिए 30 या 12 व्रत रखने जरूरी हैं।

व्रत वाले दिन ध्यान में रखने योग्य जरूरी बातें

-सबसे पहली बात सुबह स्नान के पश्चात लाल रंग के वस्त्र ही पहनें, लाल रंग सूर्य देव को अति प्रिय है।
-मंदिर जाकर सूर्य देव को सुबह जल, रक्त चंदन, अक्षत और लाल फूल अर्पित करें।
-पूरे दिन में एक परोपकार का काम जरूर करें, जिसमें किसी गरीब व्यक्ति की मदद भी शामिल हो सकती है।
-उसके बाद आपको सूर्य अस्त के बाद ही भोजन करना है, जिसमें गेहूं की  रोटी, दलिया, दूध, दही और घी का उपयोग अवश्य करें।

सूर्य देव का व्रत करने के अन्य फायदे..

-इस व्रत को करने से जहां आपकी शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं,वहीं आप समाज में मान-सम्मान के भागीदार बनते हैं।
-बच्चों की पढ़ाई से लेकर नौकरी तक की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
-जो माता-पिता अपने बच्चों के लिए सूर्य देव का व्रत करते हैं, उनके बच्चे जीवन में सदा उनका मान-सम्मान करते हैं।
-यह व्रत करने से अनजाने में हुआ पाप कर्म का विनाश होता है।
-आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है।
-कारोबार में तरक्की मिलती है।
-सरकारी नौकरी की इच्छा करने वाले रविवार का व्रत जरूर करें।
-जिन्हें गुस्सा अधिक आता है, शांत मन के लिए सूर्य देव की अराधना हर रोज करें।

खास बातों का रखें ध्यान

-ज्यादा तेल और मिर्च मसाले वाली चीजें न खाएं।
-व्रत के पश्चात नॉनवेज का सेवन बिल्कुल नहीं करना।
-तेल का सेवन नहीं करना, न ही बालों में तेल के मसाज करें, इससे सूर्य देव नाराज हो सकते हैं।
-नीले, काले और ग्रे रंग के कपड़े इस दिन न पहनें।
-दूध को काढ़कर तैयार होने वाला कोई भी पदार्थ न बनाएं।
-तांबे से बनी कोई भी वस्तु का इस्तेमाल न करें, खासतौर पर खाने वाली वस्तु।

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