विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का मजबूत दावेदार है। साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को न केवल अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा कायम रखने के अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बल्कि प्रासंगिक बने रहने के लिए भी बदलती वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए। जयशंकर विदेश मंत्री के तौर पर सऊदी अरब की अपनी पहली यात्रा पर हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत काफी समय से सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रयासों में सबसे आगे रहा है और परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती। जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर व्यापक वैश्विक सहमति है, खासकर इसलिए क्योंकि यह निकाय दुनिया की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद का विस्तार न केवल भारत बल्कि अन्य गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों के भी पक्ष में है। उन्होंने कहा, भारत सबसे बड़े लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, परमाणु शक्ति संपन्न, प्रौद्योगिकी केंद्र और वैश्विक संपर्क की परंपरा वाले देश के रूप में सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का मजबूत दावेदार है। परिषद को न केवल अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, बल्कि प्रासंगिक बने रहने के लिए भी बदलती वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए।