सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं – जिला न्यायाधीश

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रीवा – (ईपत्रकार.कॉम) |विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाएं हमे समाज से जोड़ती है। शिविर के माध्यम से राज्य एवं केन्द्र सरकार की योजनाएं चल रही है। शिविर का उद्देश्य है कि आमजन को इसका सीधा लाभ मिले। उक्त आशय का उद्गार जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अरूण कुमार सिंह ने ग्राम पंचायत अकौरी तहसील सिरमौर में आयोजित विधिक साक्षरता एवं सेवा शिविर में व्यक्त किए।

श्री अरूण कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि सेवा से बड़ा धर्म कुछ नहीं होता, भूखे को रोटी, प्यासे को पानी और जरूरतमंद की मदद करना ही इंसान का परमोधर्म है। कार्यक्रम में सरपंच श्री रामनिवास गौतम ने अकौरी में आयोजित शिविर के उद्देश्य पर श्री तंजिदर सिंह अजमानी अपर जिला न्यायाधीश ने प्रकरणों की लगातार वृद्धि को देखते हुए मध्यस्थता पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि सस्ता व सुलभ न्याय के लिए मध्यस्थता ही एक कारगार उपाय है।

श्री राघवेन्द्र सिंह चौहान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि शिविर में माध्यम से ग्राम अकौरी को यदि आप विवाद विहीन घोषित कराते है तो शिविर की यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इसी क्रम में श्री नीलेश यादव अपर जिला न्यायाधीश सिरमौर ने कहा कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, तो विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे लोगों को अधिवक्ता एवं न्यायालय खर्च स्वयं उठाता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विवेक द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में जिला रजिस्ट्रार एवं न्यायाधीश श्री महेन्द्र उइके, न्यायाधीश श्री सतीश वसुनिया अपर जिला न्यायाधीश श्री अजय कुमार मिश्रा, जिला विधिक सहायता अधिकारी तहसीलदार श्री संजय तिवारी श्री संजीव तिवारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के साथ-साथ आनंद पाण्डेय, सरपंच विपिन तिवारी, राजकुमार शर्मा सहित आमजन उपस्थित थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा राजस्व की ऋण पुस्तिका, लाडली लक्ष्मी योजना, वृद्धा पेंशन, आयुष्मान योजना के कार्ड हितग्राहियों को वितरित किया गया

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