पहले आऐं पहले पाऐं सिद्धांत पर करें सीमांकन प्रकरणों का निराकरण-मुख्य सचिव

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मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव श्री बसन्त प्रताप सिंह ने राजस्व अधिकारियों से कहा है कि विशेष मुहिम चलाकर शतप्रतिशत राजस्व प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि अविवादित नामान्तरण, बटवारा व सीमांकन प्रकरणों के निराकरण में राज्य शासन का जीरो टॉलरेंस है। उनके निराकरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही व देरी बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्य सचिव श्री बसन्त प्रताप सिंह शुक्रवार को चम्बल संभाग कार्यालय के सभाकक्ष में चम्बल संभाग के राजस्व अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने शत-प्रतिशत राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस (रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम) सॉफटवेयर और दायरा पंजी में दर्ज कराने के निर्देश दिए।

बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि विशेष अभियान चलाकर शतप्रतिशत अविवादित नामांतरण, सीमांकन व बटवारा प्रकरण निपटायें। इसके लिये राजस्व अधिकारियों को दो माह की मोहलत है। यदि इसके बाद राजस्व न्यायालयों के निरीक्षण में कोई भी पुराना प्रकरण लम्बित अथवा बिना दर्ज हुए मिला तो संबंधित राजस्व अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार व नायब तहसीलदार को इस आशय का प्रमाण-पत्र देना होगा कि उनके न्यायालय में ऐसा कोई भी प्रकरण शेष नहीं है जो आरसीएमएस सॉफटवेयर व दायरा पंजी में दर्ज नहीं है। साथ ही यह भी प्रमाण-पत्र देना होगा कि उनके क्षेत्र में कोई भी अविवादित नामांतरण व बटवारा का प्रकरण लंबित नहीं है। उन्होंने संभागीय कमिश्नर के माध्यम से इस आशय के प्रमाण-पत्र मांगे है।

मुख्यमंत्री द्वारा राजस्व प्रकरणों के निराकरण के संबंध में दिए गए निर्देशों का मुख्य सचिव श्री सिंह ने बैठक में विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं स्पष्ट किया है यदि कोई व्यक्ति तीन माह पुराने अविवादित नामांतरण अथवा बटवारा का प्रकरण लेकर आयेगा तो उसे पुरस्कृत किया जायेगा और पुरस्कार की राशि दोषी राजस्व अधिकारी से बसूली जायेगी। इसलिये सभी राजस्व अधिकारी पूरी गंभीरता के साथ राजस्व प्रकरणों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में समय-सीमा निकलने पर एक लाख रूपये तक का अर्थदण्ड हो सकता है। मुख्य सचिव ने जिलेवार व राजस्व अधिकारी न्यायालयवार राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने कहा कि हर पीठासीन अधिकारी अपने राजस्व न्यायालय का अनिवार्यतः निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान खासतौर पर यह देखें कि कार्यालय की किसी अलमारी की दराज में कोई प्रकरण अनावश्यक रूप से न रखा हो। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व अधिकारी प्रत्येक प्रकरण पर स्वयं नजर रखें और रीडर पर निर्भर रहने की प्रवृति छोडें। मुख्य सचिव ने सरकारी जमीन संबंधी मामलों की न्यायालयों में मजबूती से पैरवी करने पर बल दिया।
राजस्व विभाग के सचिव श्री हरिरंजन राव व श्री पी.नरहरि ने आरसीएमएस सॉफटवेयर के बारे में राजस्व अधिकारियों को जानकारी दी। साथ ही कहा कि आगे से दायरा पंजी भी समाप्त होगी। यह काम भी ऑनलाइन होगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि राजस्व विभाग द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किया गया है कि आरसीएमएस में प्रकरण दर्ज न होने पर संबंधित राजस्व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। अधिकारी द्वय ने कहा कि एमपी ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से भी राजस्व प्रकरण दर्ज कराए जा सकते है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें। श्री नरहरि ने सीएम डैशबोर्ड के बारे में भी जानकारी दी।

प्रमुख राजस्व आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव ने भी राजस्व से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की जानकरी दी। आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम.के. अग्रवाल ने कहा कि नामांतरण पंजियां पटवारियों के घर पर नहीं राजस्व कार्यालयों में रहनी चाहिए। उन्होंने मशीनों से सीमांकन करने के लिये अमले को प्रशिक्षित कराने को भी कहा। श्री अग्रवाल ने कहा कि मोबाइल गिरदावरी का उपयोग आगामी रवी फसलों के दौरान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जितने मजरे टोलों का राजस्व ग्राम बनाने के लिए चिन्हित किया है।

उन्हे राजस्व ग्राम बनाये जहा नक्शे बनाये जाना शेष है जानकारी तत्काल भू-अभिलेख को भेजें।
संभागायुक्त श्री शिवानन्द दुबे ने संभाग के तीनो जिलों की राजस्व गतिविधियों की जानकारी पावर प्वाँइंट प्रजेण्टेशन के जरिए दी। बैठक में अपर आयुक्त ग्वालियर संभाग श्री राजा भय्या प्रजापत, कलेक्टर मुरैना श्री भास्कर लाक्षाकार, भिण्ड कलेक्टर श्री इलैयाराजा टी, श्योपुर कलेक्टर श्री पन्नालाल सोलंकी सहित संभाग के तीनों जिलों के राजस्व अधिकारी मौजूद थे।

हर पटवारी के बस्ते की करें जांच और हर गॉव में बी-1 पढ़कर सुनाये

मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने जोर देकर कहा कि सभी पटवारियों के बस्ते की बारीकी से जांच करें। इसी तरह हर गॉव में बी-1 पढ़कर सुनायें। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई औपचारिक न हो। बी-1 वाचन के बाद फौती के जो नामांतरण प्रकरण सामने आएं, उनका तत्परता से निराकरण करें। उन्होंने यह भी कहा कि पटवारी रिपोर्ट के अभाव की वजह से यदि कोई राजस्व प्रकरण लंबित पाया गया तो संबंधित राजस्व अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्य सचिव ने आर.आई. सर्किल का निर्धारण करने के भी निर्देश दिये।

पहले आयें पहले पाऐं सिद्धांत पर करें सीमांकन प्रकरणों का निराकरण
मुख्य सचिव ने कहा कि हर राजस्व कार्यालय में सीमांकन के लिये आए आवेदनों को दर्ज कर सूचीबद्ध भी करें। उन्होंने कहा जिस व्यक्ति का आवेदन पहले आया हो, उसका सीमांकन भी पहले किया जाए। मुख्य सचिव ने साफ किया कि ऐसी स्थिति कदापि न बनने दें कि प्रभावशाली व्यक्ति का पहले सीमांकन हो जाए और आम आदमी का आवेदन लम्बित बना रहे। उन्होंने कहा सीमांकन में मशीनों का उपयोग भी सुनिश्चित करें।

डायवर्सन, नजूल व अर्थदण्ड की वसूली में तेजी लाएं
मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने कहा कि सरकारी जमीन का संरक्षण और राजस्व की वसूली राजस्व अधिकारियों का प्रमुख दायित्व है। इसलिये डायवर्सन, नजूल व अर्थदण्ड की वसूली में तेजी लायें। उन्होंने कहा कि इन सभी की अलग-अलग पंजियाँ संधारित करें। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए ऐसी स्थिति कदापि बर्दाश्त नहीं होगी कि अर्थदण्ड का आदेश तो पारित किया गया, मगर वसूली नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि डायवर्सन की वसूली पहले बड़े बकायादारों से करें। नगर निगम से नए व्यवसायिक निर्माणों की सूची लेकर डायवर्सन शुल्क निर्धारित करें और उसकी वसूली की जाए।

रिकार्ड मंगाने के लिए वार-वार स्मरण पत्र नहीं भेजें।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रकरणों के निराकरण में अगर रिकार्ड मंगाने की जरूरत पड़ती है तो सीधे जिम्मेदार व्यक्ति को भेजकर रिकार्ड मंगाया जाये। रिकार्ड मंगाने के लिए बार-बार स्मरण पत्र भेजने की जरूरत नहीं है। रिकार्ड उपलब्ध हो जाने पर तत्काल प्रकरण का निराकरण किया जावे। रिकार्ड देने में अनाकानी करने वालों के खिलाफ सीधे एफ.आई.आर दर्ज कराई जाये।

यह भी निर्देश दिए
1.गुम राजस्व प्रकरणों की जवाबदेही सुनिश्चित कर दोषी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायें।
2.राजस्व अधिकारी यह देखें कि उनके क्षेत्र में कितनी रजिस्ट्री हुई। इस आधार पर तत्परता से नामांतरण भी करें।
3.आर आई सर्किल का करें पुनर्निधारण और राजस्व कार्यालयों में रिक्त पदों की जानकरी दें, जिससे पदों की पूर्ति की जा सके। पटवारियों और आर.आई. के पदों पर अगले एक- दो माह में भर्ती होगी।
4.अदम पैरवी में प्रकरण खारिज न किए जाएं।
5.मतदाता सूची से जिन मृतकों के नाम हटाए गए है, राजस्व दस्तावेजों में उनके फौती नामांतरण कर दिए जाएँ।
6.सीएम हैल्पलाइन व लोक सेवा गारंटी के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करें।
7.बटवारा आपसी सहमति से ही हो इसके लिए लिखित सहमति मागें, सहमति मिलने पर बटवारा सुनिश्चित किया जाये।

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