सरकार ने हमें संकट से उबार दिया, छोटे किसानों के लिये बड़ा सहारा बनी कर्ज माफी

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इन्दौर  – (ईपत्रकार.कॉम) |प्रदेश के छोटे किसान मानते हैं कि संकट के समय में सरकार की कर्ज माफी बहुत बड़ा सहारा साबित हुई है। कुछ किसान जय किसान फसल ऋण माफी योजना से वरदान के रूप में देखते हैं और मानते हैं कि यदि यह लागू नहीं होती तो थोड़े से कर्ज के कारण जीवन में संकट और गहरा हो जाता है। प्रदेश में अब तक 25 लाख से अधिक किसानों को जय किसान कृषि ऋण माफी योजना का लाभ मिल चुका है।

इंदौर जिले के हातोद तहसील के किसान श्री हरिनारायण का 44 हजार रूपये का कर्ज माफ हो गया है। उन्हें 2 मार्च को हातोद मुख्यालय पर आयोजित समारोह में ऋण माफी का प्रमाण-पत्र मिल गया है। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि अधिकांश किसान कर्ज लेकर खाद-बीज खरीदते हैं। उन्होंने भी सहकारी बैंक से गत वर्ष 44 हजार रूपये ऋण लिया था। वे ब्याज सहित उसे चुकाना चाहते थे, मगर आलू, प्याज, लहसून का बाजार में कम मूल्य मिलने के कारण वे कर्ज चुकाने में असमर्थ थे। ब्याज पर ब्याज चढ़ता जा रहा था। राज्य शासन द्वारा कर्ज माफ करने से उन्हें बहुत राहत मिली है। अब वे अगली फसल के लिये खाद, बीज, कीटनाशक, खरपतवार नाशक आदि के लिये फिर लोन ले सकेंगे।

देवास जिले के तालोद गाँव के किसान अजाब सिंह बताते हैं कि उन्होंने सहकारी समिति जामगोद से 1 लाख 60 हजार रुपये का कर्ज लिया था। उन्हें चिंता थी कि कर्ज कैसे चुकेगा, इसी बीच मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कर्ज माफी योजना की शुरुआत की और पूरा कर्जा माफ हो गया। देवास के ही हरनावदा गाँव के किसान कृपाल सिंह ने सहकारी समिति बुदलई से 78 हजार रुपये का कर्जा लिया था। उनकी फसल अच्छी नहीं हुई। वे कर्जा भी नहीं चुका पाये लेकिन ऋण माफी की योजना से कर्ज के जाल में फंसने से बच गये। सरकार ने हम संकट से ऊबार लिया।

शाजापुर जिले की बड़ोदिया तहसील बिजाला गाँव के किसान श्री गंगाराम ने 49 हजार रुपये का छोटा कर्जा लिया था लेकिन कर्जा नहीं पटाने की चिंता बनी हुई थी। अब कर्जा माफ होने से वे दोबारा खेती की योजना बना रहे हैं। गंगा राम कहते हैं कि सरकार ने मुझे और मेरे परिवार को चिंता मुक्त कर दिया।

सिंगरौली जिले के रामरल्लू कहते हैं कि 1 लाख का कर्जा माफ हो गया है। सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाया है। मेरे जैसे लाखों किसान छोटे-छोटे कर्जे में डूबे थे और वे कर्जे में ही आगे की योजनाएँ बना रहे थे। वे बताते हैं कि कई किसान भाई नया कर्जा लेने की सोच रहे थे लेकिन परेशान थे कि जब तक पुराना नहीं चुकायेंगे तो नये कर्जे के लिये पात्र नहीं होंगे। अब सब खुश हैं। नये तरीके से और नये जोश के साथ खेती में लग गये हैं।

खरगौन जिले की गोगवां तहसील के बड़वाह में रहने वाले सोलंकी परिवार के सदस्य किसान पुराने कर्जे से परेशान थे। परिवार के सदस्य लखन पर 1 लाख 15 हजार का और दूसरे सदस्य रामचंद्र पर 88 हजार रुपये का कर्जा था। कर्जे के साथ जीना उन्हें बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था। अच्छी खेती नहीं होने और उत्पादन कम रहने के कारण कर्जा चुकाने में भी देर हो रही थी। अब पूरा सोलंकी परिवार सरकार के कर्जा माफी के कदम की तारीफ कर रहा है। लखन का कहना है कि सरकार के इस कदम से हमारे परिवार पर आने वाला संकट टल गया है।

बैतूल जिले के मुलताई के खनूगाँव के किसान गणेश सिंह इसीलिये बेहद खुश है कि उनका 61 हजार रुपये का कर्जा माफ हो गया। पास के ही मालेगाँव के किसान परमा विहारी बताते हैं कि कर्जा तो छोटा था लेकिन दुख देने वाला था। परिवार के भरण-पोषण में पैसे खर्च हो जाने से कर्जा बना हुआ था। धीरे-धीरे 29 हजार रुपये का छोटा सा कर्जा बोझ बन गया। अब पूरी तरह से चिंता खतम हो गई है।

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