1984 सिख विरोधी दंगेःसज्जन कुमार की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, अब 31 दिसंबर तक करना हो सरेंडर

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दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की याचिका खारिज कर दी है। सिख दंगा मामले में ताउम्र कैद की सजा पाने वाले सज्जन कुमार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आत्मसमर्पण करने के लिए 30 जनवरी तक का समय मांगा था।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गत 17 दिसंबर को साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अदालत ने 73 साल के कुमार को निर्देश दिया था कि वह 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण कर दें लेकिन उन्होंने पारिवारिक कामकाज खत्म करने के लिए थोड़ा और वक्त मांगा था।

कुमार गुरुवार को 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े एक अन्य मामले में दिल्ली की एक अदालत में भी पेश हुए। निचली अदालत ने इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी तक स्थगित कर दी क्योंकि उन्होंने कहा कि उनके मुख्य वकील अनुपस्थित हैं। हाईकोर्ट से मिले निर्देशों का पालन करते हुए कुमार ने अपना मोबाइल फोन अदालत को सौंप दिया।

निचली अदालत में फिलहाल सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद गुप्ता और वेद प्रकाश के खिलाफ हत्या और दंगे फैलाने का मुकदमा चल रहा है। यह मामला सुल्तानपुरी निवासी सुरजीत सिंह की हत्या से जुड़ा है। हाईकोर्ट के सामने दायर आवेदन में, कुमार की ओर से पेश हुए वकील अनिल शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए उन्हें कुछ और वक्त चाहिए तथा कुमार को अपने परिवार, बच्चों और संपत्ति से जुड़ी जिम्मेदारियों के लिए भी समय चाहिए।

यह मामला दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली की पालम कालोनी में राज नगर पार्ट-1 में 1984 में एक से दो नवंबर तक पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में गुरुद्वारे में आगजनी से जुड़ा है।

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