चमोली हादसे पर अमेरिका ने जताया दुख, कहा- मृतकों के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना

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उत्तराखंड में चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की घटना पर अमेरिका और फ्रांस ने दुख जताया है। इस घटना के बाद अब तक दस लोगों के शव बरामद हुए हैं। तपोवन के एक टनल में तीस लोगों के फंसे होने की आशंका है। आईटीबीपी रात भर रेस्क्यू ऑपरेश चलाएगी। अभी तक टनल से 25 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है।

अमेरिका ने कहा कि भारत में ग्लेशियर के फटने और भूस्खलन से प्रभावित लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। हम मृतक के परिवार और दोस्तों के शोक में शामिल हैं। घायलों को तुरंत ठीक होने को लेकर आशावान हैं।

वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने भी संवेदना जताई। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड प्रांत में ग्लेशियर फटने की घटना में 100 से अधिक लोग लापता हो गए, फ्रांस भारत के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त करता है। हमारी संवेदनाएं उनके और उनके परिवारों के साथ है।”

अभी भी 125 से ज्यादा मजदूर लापता
बता दें चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने की वजह से ऋषिगंगा घाटी में अचानक भयंकर बाढ़ आ गई। इससे वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम दस लोगों की मौत हो गई और 125 से ज्यादा मजदूर लापता हैं। प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेकर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में शाम को बताया कि अभी तक आपदा में आठ व्यक्तियों के शव बरामद हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआऱएफ और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं और तपोवन क्षेत्र में स्थित जिन दो सुरंगों में मजदूर फंसे हुए हैं वहां मुस्तैदी से बचाव कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार चार लाख रुपए का मुआवजा देने की भी घोषणा की।

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