72 घंटे में मोदी सरकार ने कातिल नहीं मारे, तो मैं लूंगा बदला-शहीद औरंगजेब के पिता

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बेटे की शहादत के बाद भी पिता का जज्बा और देश के प्रति समर्पण का भाव कम नहीं हुआ। भारतीय सेना से रिटायर पिता के जांबाज बेटे को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने अगवा कर हत्या कर दी लेकिन पिता का साहस देखिए वह खुद दहशतगर्दों से लोहा लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को अल्टिमेटम देते हुए अनुरोध किया है कि वह आतंकियों को मारकर बेटे की शहादत का बदला ले वरना वह खुद बदला लेंगे। आपको बता दें कि गुरुवार को ईद की छुट्टी पर घर जा रहे राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

औरंगजेब के पिता हनीफ खुद सेना में रह चुके हैं। हनीफ ने अब बेटे की मौत का बदला लेने का ऐलान किया है। उन्होंने मोदी सरकार से औरंगजेब के हत्यारे आतंकियों को मार गिराने की अपील करते हुए कहा है, ‘मैं मोदी सरकार को 72 घंटे का वक्त देता हूं। अगर उन्होंने मेरे बेटे के कातिलों को 72 घंटे के अंदर नहीं मारा, तो मैं खुद बदला लूंगा।’

आतंकियों ने सोशल मीडिया पर डाली तस्वीर
उधर, शहीद औरंगजेब के पुंछ स्थित गांव में सन्नाटा है। औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव गुरुवार को पुलवामा से बरामद हुआ था। उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान थे। शुक्रवार को आतंकियों ने हत्या से पहले की औरंगजेब की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर डाली। कहा जा रहा है कि यह तस्वीर उन्हें मारने से पहले ली गई थी।

हिज्बुल कमांडर को ढेर करने वाली टीम में थे औरंगजेब
गुरुवार शाम सेना के जवान औरंगजेब का शव पुलवामा के गूसो इलाके में पाया गया था। जवान के अगवा होने की खबर के बाद से पुलिस और सेना ने तलाशी अभियान चला रखा था। औरंगजेब उस कमांडो ग्रुप का हिस्सा थे, जिसने हिज्बुल कमांडर समीर टाइगर को मार गिराया था।

वह 44 राष्ट्रीय राइफल्स में बतौर राइफलमैन शोपियां जिले में तैनात थे। औरंगजेब ऐंटी-टेरर ग्रुप के सदस्य थे। आतंकियों ने उस वक्त औरंगजेब का अपहरण किया, जब वह ईद की छुट्टी लेकर अपने घर पुंछ लौट रहे थे। आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और आस-पास के इलाके में आतंकी काफी सक्रिय हैं।

आतंकवादियों ने बुधवार देर रात ही एक स्थानीय नागरिक और पुलिसकर्मी को भी अगवा कर लिया था। इन दोनों का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। अगवा पुलिसकर्मी की पहचान मोहम्मद इश्क अहमद के रूप में हुई है और वह एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) हैं। वहीं, अगवा किए गए स्थानीय नागरिक की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है।

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