परासिया में एकात्म यात्रा का हुआ भव्य स्वागत और हुआ जनसंवाद कार्यक्रम

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छिन्दवाड़ा – ईपत्रकार.कॉम |संपूर्ण विश्व को अपने अद्वैतवाद के ज्ञान से सामाजिक समरसता एवं एकात्म भाव का बोध कराने वाले आदिगुरू शंकराचार्य जिन्होंने भारत वर्ष की चारो दिशाओं में मठ की स्थापना कर संपूर्ण भारत को एक सांस्कृतिक सूत्र में बांधा जिससे भारत की गौरवमयी सांस्कृतिक एकता का विकास हुआ। उनकी ओंकारेश्वर में अष्ठधातु मूर्ति निर्माण के लिये आम जनों से धातु कलशों एवं प्रत्येक ग्राम की मिट्टी संग्रहण के लिये चलाई जा रही एकात्म यात्रा का आज चौथें दिन मोहखेड से होते हुये परासिया में प्रवेश हुआ। रास्ते में जगह-जगह ‍गांव-गांव जनसमुदाय द्वारा यात्रा का गर्मजोशी से भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में देवी स्वरूपा बालिकाओं का पूजन के साथ ही कुछ संतों का शॉल श्रीफल से सम्मान भी किया गया। परासिया में एकात्म यात्रा के प्रवेश करने पर जहां जगह-जगह स्वागत द्वार बनाकर नागरिकों द्वारा अतिथियों एवं यात्रियों पर पुष्प वर्षा की गई तथा आदि शंकराचार्य की पादुकाओं व यात्रा ध्वज का पूजन अर्चन किया गया।

इस अवसर पर अतिथि संतों के रूप में जहां गणेशगिरी महाराज, बालकदास महाराज, मुक्तानंद महाराज और नागेन्द्र ब्रम्हचारी के साथ ही स्थानीय संतों, सभी धर्मो के धर्माचार्य और अनुयायी, म.प्र. रोजगार निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, यात्रा के जिला प्रभारी श्री रमेश पोफली, नगर परिषद पिपलानारायणवार के अध्यक्ष श्री राजू परमार, पूर्व विधायक श्री ताराचंद बावरिया, श्री अरूण कपूर एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही, वहीं एस.डी.एम. सुश्री सुनीता खंडायत, म.प्र. जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री पवन सहगल एवं जिला और जनपद स्तरीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

एकात्म यात्रा का स्वागत करने मोहखेड से परासिया के बीच के गांव के लोग और परासिया और न्यूटन के नगरवासियों महिलाओं, पुरूषों एवं बच्चों द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया और जनसंवाद आयोजन स्थल तक मार्ग के दोनों ओर पंक्ति बनाकर परम्परागत स्वागत कलशों एवं पुष्प वर्षा द्वारा यात्रा का अभिनदंन किया गया। ध्वज पूजन के उपरांत परासिया में जनसंवाद कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस दौरान प्रदेश के एकात्म यात्रा के संयोजक डॉ.जितेन्द्र जामदार ने अपने उद्बोधन में यात्रा के उद्देश्य के साथ ही आदि शंकराचार्य के अद्भुत जीवन पर प्रकाश डाला और 19 दिसंबर से प्रारंभ संपूर्ण प्रदेश के प्रत्येक जिले में भ्रमण कर रही एकात्म यात्रा के संबंध में विस्तृत चर्चा करते हुये आदि शंकाराचार्य के जीवन दर्शन पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उनके विचारों की प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में श्री मुक्तानंद स्वामी महाराज ने एकात्म यात्रा की मूल संकल्पना और अद्वैतवाद पर विस्तार से जानकारी देकर सभी में एक ही आत्मा के होने के भाव को बताते हुये सामाजिक समरसता पर जोर दिया और कहा कि जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, असमानता, अशांति आदि अज्ञानता के कारण ही है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय आदि से भले ही संबंधित हो, किंतु उन सब में एक ही आत्मा है।

इस पर गहनता से विचार कर समरसता व एकात्मकता से विकास व उन्नति का मार्ग प्रशस्त करें। जनसंवाद के दौरान समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और समरसता बढ़ाने का संकल्प भी दिलाया गया। एकात्म यात्रा का जनसंवाद सुनने के लिये हजारों की संख्या में लोग जनसंवाद स्थल पहुंचे और आदि शंकराचार्य के जीवन दर्शन के संबंध में जानकर अभिभूत हुये। जनसंवाद के उपरांत समरसता भोज का आयोजन भी हुआ। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिधि व पदाधिकारियों ने एकात्म यात्रा का भव्यतम स्वागत कर सामाजिक समरसता व सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया।

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