उँगलियों को तड़काने से यह हो सकते हैं नुकसान!

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हर कोई रिलैक्स के लिए उंगलिया को तड़कता हैं लेकिन उँगलियों के तड़कने से बहुत से नुक्सान भी हो सकते हैं जिससे आप अनजान हैं। हमने कई लोगों को हाथ की उंगलियां के साथ ही गर्दन की हड्डियों को भी सुबह-सुबह चटकाते हुए देखा हैं। हम को यह एक सामान्य आदत लगती है लेकिन ऐसा करने पर हम भविष्य में गठिया रोग के शिकार हो सकते हैं।

हम जोड़ों को काफी अधिक खींचते हैं तो दबाव कम होने से यह बुलबुले फूट जाते हैं और हड्डी चटकने की आवाज आती है। एक बार जोड़ों पर बने इन बुलबुलों के फूटने के बाद द्रव में दोबारा गैस के घुलने में 15 से 30 मिनट का समय लगता है इसी कारण हाल ही में चटकाए गए जोड़ को तुरंत दोबारा चटकाने से आवाज नहीं आती। यह समझा जाता है कि जोड़ों के बार-बार खिचाव से पकड़ कमजोर हो सकती है और हड्डियों के जोड़ पर मौजूद ऊतक नष्ट भी हो सकते हैं।

गठिया का रोग : अगर उंगुलियां चटकाने की आदत है तो आप गठिया जैसी खतरनाक बीमारी को बुलावा दे रहे हैं। गठिया रोग में हड्डियां काफी कमजोर हो जाती हैं और इनमें असहनीय दर्द होने लगता है। दुनिया भर में गठिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर यह बीमारी बुजुर्गो में ज्यादा देखी जाती है लेकिन जिन लोगों को उंगलियां व हड्डियां चटाने की आदत होती है वे इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।

व्यस्त रखें हाथों को : उंगुलियां चटकाने से खुद को रोकने के लिए सबसे पहले अपने आपको व्यस्त रखें। अगर आप खाली बैठे हैं, तो अपनी उंगुलियां चटकाने के बजाय पेंसिल या सिक्के से खेलना शुरू कर दें। ऑफिस में बैठे-बैठे ऐसा करते हैं तो उस समय कुछ लिखने लगें या ड्राइंग बनाने लगें। इससे आपके दिमाग का फोकस दूसरी तरफ जाएगा और कुछ ही दिनों में आपकी उंगुलियां चटकाने की आदत छूट जाएगी।

फोकस करे खुद पर : उंगुलियां चटकाना अच्छी आदत नहीं है और फिर ये नुकसानदेह भी है तो इस आदत को रोकना आवश्यक है। इसमें ध्यान देने की बात ये है कि आप पढ़ते या लिखने या काम करते वक्त वक्त खुद पर फोकस करें। अगर आप कभी गलती से उंगुलियां चटकाने लगते हैं तो तुरंत छोड़ दें। चाहे उंगुलियां में कितना भी दर्द हो रहा हों। धीरे धीरे स्वत: ही हमारी यह आदत छूट जाएगी।

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