चीन को लगता है कि पाकिस्तान के साथ अमेरिका ज्यादती कर रहा है, इसीलिए उसने डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को आगाह किया है कि वह पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करे। चीन का मानना है कि पाक आतंकियों से मुकाबला कर रहा है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने उस रिपोर्ट पर सरकार का पक्ष दिया जिसमें कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के प्रति सख्त रवैया अपनाने जा रहा है। इसमें उसकी आर्थिक मदद को कम करने के साथ आतंकियों के सफाए के लिए ड्रोन हमलों में बढ़ोतरी करने की बात भी है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने ऐसी कोई हरकत नहीं की है जिससे लगे कि वह आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह इस बात को समझकर पाक को हर तरह से मदद करे। पाक व अफगानिस्तान से संबंधों पर उनका कहना है कि दोनों देश चीन के पड़ोसी हैं और उनसे हमारे संबंध बेहद अच्छे हैं।
चीन चाहता है कि दोनों के बीच विवाद न पनपे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री वांग यी जल्द पाक व अफगान का दौरा कर सकते हैं। हालांकि दौरे की तारीखों का खुलासा करने से उन्होंने इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि दोनों देशों से बातचीत कर उनके बीच के तनाव को कम करने की कोशिश की जाएगी। उल्लेखनीय है कि अफगान सरकार लगातार यह आरोप लगा रही है कि पाक उसके यहां आतंकी हमले करवा रहा है। काबुल में हाल में हुए आतंकी हमलों के पीछे भी वह पाकिस्तान का हाथ मानता है।
चीन का विरोध बर्दाश्त नहीं: नेपाल
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा का कहना है कि उनका देश किसी को चीन का विरोध करने के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा। चीन के सहायक विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद यह बात कही। उनका कहना था कि नेपाल इस बात की सराहना करता है कि चीन ने कभी भी उसके घरेलू व विदेशी मामलों में दखल नहीं दिया। ६२ साल पहले जिन रिश्तों की शुरुआत हुई थी चीन ने उन्हें गर्मजोशी से निभाया है। यही नहीं नेपाल की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में जो सहयोग चीन दे रहे है वह बेमिसाल है।