भारत और अफगानिस्तान के बीच करीबी संबंध पाकिस्तान के माथे की सिकन बन गए हैं. पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि दोनों मुल्कों के बीच कोई भी सहयोग उनके देश के खिलाफ नहीं होना चाहिए.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के वीकली प्रेस कॉन्फ्रेंस में अफगानिस्तान को भारतीय हथियारों की आपूर्ति संबंधी सवाल के जवाब में, मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘ऐसा कोई सहयोग पाकिस्तान के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए.’ भारत ने अफगानिस्तान को चार एमआई-25 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की है और अफगान बलों को प्रशिक्षण भी दे रहा है.
करजई ने की थी PAK की आलोचना
जकारिया की टिप्पणी ऐसे समय आई है, जबकि कुछ ही दिन पहले ही अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा था कि भारत, अफगानिस्तान में किसी छद्म युद्ध में शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत वहां पुनर्निर्माण का काम कर रहा है. करजई ने कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और उसकी जमीन से गतिविधियां चला रहे आतंकवादी समूहों को नियंत्रित नहीं करने पर पाकिस्तान की आलोचना की थी.
‘बातचीत ही एकमात्र तरीका’
गुरुवार को प्रवक्ता जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान जोर देता रहा है कि अफगान मुद्दे का एकमात्र व्यवहारिक हल राजनीतिक बातचीत के बाद निकलेगा. रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक, जकारिया ने कहा कि अफगान सरकार को मेल-मिलाप के संबंध में स्पष्ट संदेश देना चाहिए और इसके लिए प्रोत्साहन भी देना चाहिए.