राष्ट्रपति चुनाव: सांसदों और विधायकों के लिए अलग-अलग रंग के होंगे मतपत्र

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इस बार राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों के लिए अलग -अलग रंग के मतपत्र होंगे। सांसदों के लिए हरा और विधायकों के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए चुनाव होने की स्थिति में इन मतपत्रों का प्रयोग किया जाएगा। एक जुलाई को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के बाद चुनाव आयोग इन मतपत्रों की छपाई की प्रक्रिया शुरू करेगा।

राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होना है और 20 जुलाई को मतगणना होगी। राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों के वोट का वैल्यू भिन्न होता है। सांसद के वोट का वैल्यू 708 होता है और इसमें बदलाव नहीं होता। जबकि विधायकों के वोट का वैल्यू उनके राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है। ऐसे में भिन्न रंग के मतपत्र होने से मतगणना में निर्वाचन अधिकारी को मदद मिलेगी।

अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लिए मतपत्र हिंदी और अंग्रेजी में छापे जाएंगे। आयोग खुद इनकी छपाई करेगा। आंध्र प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और पुड्डुचेरी के लिए मतपत्र हिंदी या अंग्रेजी अलावा अन्य भाषा में छापे जाएंगे। इनकी छपाई संबंधित राज्यों में की जाएगी।

इसके अलावा आयोग ने विशेष पेन से ही मतदान करने की व्यवस्था की है। राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होना है और 20 जुलाई को मतगणना होगी।

आप पडी अलग थलग
राष्ट्रपति चुनाव प्रत्याशी चयन के लिए पार्टियां एकजुट हो रही हैं लेकिन आम आदमी पार्टी को कोई नहीं पूछ रहा है। आप अभी विपक्ष के साथ भी नहीं है। न ही भाजपा की तीन सदस्यीय समिति आप से मिली है। आप के वरिष्ठ नेता और राजनीतिक मामलों की समिति के एक सदस्य ने कहा कि अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने हमसे संपर्क नहीं किया है। आप के कुल 46 विधायक और 4 सांसद हैं।

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