तमिलनाडु में 3 साल बाद हुआ जल्लीकट्टू, इवेंट के दौरान 2 की मौत-129 जख्मी

0

अध्यादेश लागू होने के बाद तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में रविवार को जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया। इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई। जबकि मदुरै में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक की जान चली गई।

मुख्य आयोजन स्थल मदुरै के अलंगानल्लूर में प्रदर्शनकारियों ने सांडों को काबू करने वाला खेल जल्लीकट्टू नहीं होने दिया। वे इसे बिना रुकावट हर साल कराए जाने के लिए स्थाई हल निकाले जाने की मांग कर रहे थे। इसके चलते मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को यहां जल्लीकट्टू का उद्घाटन किए बगैर लौटना पड़ा।

पुलिस ने बताया कि पुडुकोट्टाई जिले के रापूसाल में जल्लीकट्टू के दौरान सांड के सींग मारने दो लोग मारे गए और 28 घायल हो गए। इसके अलावा मदुरै में प्रदर्शनकारी चंद्रमोहन की डिहाइड्रेशन से मौत हो गई। उधर, जल्लीकट्टू के समर्थन में आंदोलन के केंद्र मरीना तट पर छठे दिन रविवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारी जल्लीकट्टू कराने का स्थाई हल और पशु अधिकार संगठन पेटा पर प्रतिबंध की लगाने की मांग पर अड़े हैं।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी आंदोलनकारियों ने इन्हीं मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखा। हालांकि मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जल्लीकट्टू पर राज्य का अध्यादेश स्थाई, मजबूत और टिकाऊ है। आगामी विधानसभा सत्र में इस पर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अध्यादेश लागू होने के बाद जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध नहीं है। इस बीच, अध्यादेश को चुनौती की आशंका को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है।

विधानसभा सत्र आज से तमिलनाडु विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान जल्लीकट्टू मुद्दा छाए रहने की संभावना है। अन्नाद्रमुक सरकार जल्लीकट्टू अध्यादेश के बदले इस संबंध में कानून बनाने के लिए विधेयक पेश करने की तैयारी में है। राज्यपाल के अभिभाषण से इस साल के पहले सत्र की शुरुआत होगी। पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद पहली बार विधानसभा की बैठक होने जा रही है।

Previous articleरिलायंस JIO के इस मेगा प्‍लान का कोई तोड़ नहीं, जल्‍द होगा ऐलान
Next articleमुख्यमंत्री श्रीचौहान आज नेतृत्व विकास शिविर का शुभारंभ करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here