शायद ये बात ज्यादा लोगों को पता नहीं है कि नियमित रुप से रक्तदान करने से शरीर में आयरन का स्तर संतुलित रहता है। शरीर में आयरन का स्तर अगर बढ़ जाए तो ऑक्सीडेटिव डैमेज होता है जिससे टिशू डैमेज होने का खतरा होता है। रक्तदान करने से ना सिर्फ शरीर में आयरन की मात्रा ठीक बनी रहती है बल्कि ये दिल की बीमारियों से भी बचाता है और आपके दिल को सेहतमंद बनाए रखता है।
हालांकि ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो ये दावा करता हो कि रक्तदान करने से लीवर की बीमारियों और कैंसर का खतरा कम होता है। लेकिन आमतौर पर यह देखा गया है कि रक्तदान करने से लीवर पर अच्छा असर पड़ता है। कहा जाता कि नियमित रुप से रक्तदान करने पर लीवर की बीमारियों और कैंसर होने का खतरा कम होता है। रक्तदान करके आप अपने बढ़ते वजन को भी नियंत्रित कर सकते हैं क्योंकि एक बार ब्लड डोनेट करके आप 650 से 700 कैलोरी कम कर सकते हैं। जाहिर है कि शरीर के वजन का संबंध कैलोरी से होता है और कैलोरी घटेगी तो वजन भी घटेगा इसलिए हर तीन महीने में एक बार रक्तदान जरूर करना चाहिए।
एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित रुप से रक्त दान करने से कैंसर और दूसरी बीमारियों के होने का खतरा कम होता है क्योंकि ये शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। इतना ही नहीं रक्तदान के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है जिससे शरीर को तंदरुस्ती भी मिलती है। रक्त दान में जितना खून आप दान करते हैं आपका शरीर 21 दिन में उसे फिर से बना लेता है। जबकि ब्लड का वॉल्यूम शरीर में 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है।