नई दिल्ली। एक अप्रेल से तंबाकू के सभी उत्पादों पर 85 फीसदी साइज की पिक्टोरियल वॉर्निंग को छापना जरूरी किए जाने के सरकार के फैसले से सिगरेट बनाने वाली बड़ी कंपनियों में घबराहट है। आईटीसी, गॉडफ्रे फिलिप्स और वीएसटी जैसी कंपनियों ने शुक्रवार से ही अपनी सभी यूनिट बंद करने का फैसला किया है। इससे देश में सिगरेट का प्रोडक्शन लगभग पूरी तरह बंद हो गया है।
होगा बड़ा नुकसान
कंपनियों का कहना है कि सरकार अपना फैसला जबरन लागू कर रही है। वे पहले से ही पिक्टोरियल वॉर्निंग छापते हैं। ये सभी कंपनियां टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (टीआईआई) की सदस्य हैं और देश में भी बिकने वाली 98 फीसदी सिगरेट का प्रोडक्टशन इन्हीं कंपनियों में होता है। कंपनियों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से इंडस्ट्री को हर दिन के हिसाब से 350 करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस होगा।
इसलिए बंद की यूनिट्स
टीआईआई के निदेशक सैयद महमूद अहमद का कहना है कि इस बारे में सिगरेट कंपनियों ने मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ को पत्र लिखा था और नियम स्पष्ट करने को कहा था। नए नियम के लागू होने के बाद भी अगर प्रोडक्शन जारी रखा जाता तो कंपनियों को रूल्स वॉयलेशन में फंसने का डर है।