दुनिया बहुत बड़ी हैं और इसमें कई धर्म के लोग बसते हैं। सभी धर्मों के रीति-रिवाज भी अलग-अलग होते है। ऐसे ही शादी का रिवाज होता है, जो हर धर्म में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। शादी का रिश्ता सिर्फ लड़का और लड़की का नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच का होता है। अगर हिंदू धर्म की बात की जाए तो इसमें शादी के समय वर और वधु कोे अग्नि के 7 फेरे लेने होते है। तभी शादी पूर्ण कहलाई जाती है लेकिन क्या कभी सोचा है कि शादी के दिन दुल्हा-दुल्हन को सात फेरे क्यों लेने होते है। अगर नहीं, तो आइए जानते है।
-कहा जाता है कि इंसान अग्नि, पृथ्वी, जल, वायु और आकाश इन 5 तत्वों से मिल कर बना है। शादी में अग्नि के चारों ओर 7 फेरे लेने का यह भी एक कारण है।
– वर-वधु का रिश्ता 7 जन्मों का होता है। इस रिश्ते को निभाने के लिए सात बचन अग्नि के चोरों ओर फेरे लेकर लेने होते है।
– अग्नि के फेरे लेकर पर-वधु एक-दूसरे से पवित्र रिश्ता निभाने का वचन लेते है।
– ऐसा माना जाता है कि अग्नि सभी देवताओं में प्रमुख है और अग्नि में सभी देवताओं का वास होता। इसलिए वर-वधु साक्षात देवताओं के सामने वचन देते हैं।
– अग्नि को हिन्दू धर्म में एक पवित्रता का प्रतीक माना गया है जो सभी अशुद्धियों का नाश करती है इसी कारण वर-वधु अग्नि के फेरे लेकर अपनी अशुद्धियों का नाश करते है।