महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा है कि छत्रपति शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन-दर्शन तथा उनके त्याग, बलिदान एवं मूल्यों के बारे में नई पीढ़ी को जानकारी देना आवश्यक है। वे गुरु गोविंद सिंह जी की 350वीं जयंती पर बुरहानपुर में आयोजित 4 दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ ‘हिन्दवी स्वराज एवं खालसा से एक अखण्ड तथा समृद्ध भारत” विषय पर भारतीय शिक्षा मण्डल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर के संबोधन से हुआ। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि चार दिवसीय कार्यक्रम में शिवाजी जयंती पर छत्रपति शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश में भक्ति, शक्ति और संस्कृति की सजीव शोभा-यात्रा निकाली जायेगी। इसी क्रम में 21 एवं 22 फरवरी को क्रमश: शाहपुर और बुरहानपुर में श्रीमंत योगी महानाट्य का प्रस्तुतिकरण होगा।
ऐतिहासिक तिलक हॉल में आयोजित विचार सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता श्री कानिटकर ने कहा कि छत्रपति शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह जी ने नागरिकों को कर्त्तव्य-बोध का एहसास कराया तथा उनमें बलिदान की भावना जागृत की। उन्होंने कहा कि शिवाजी की गुरिल्ला युद्ध नीति अमेरिका की सेना को प्रशिक्षण के दौरान पढ़ाई जाती है। शिवाजी ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ कई बड़े युद्ध जीते। शिवाजी की माता जीजाबाई आज भी माताओं के लिये प्रेरणा-स्रोत हैं। बच्चों को साहसी और निडर बनाने के लिये उनके पालन-पोषण के तरीके आज भी प्रासंगिक हैं। श्री कानिटकर ने गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा देश और धर्म की रक्षा के लिये किये गये सर्वस्व बलिदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती को समारोहपूर्वक मनाने तथा इसके लिये पृथक से बजट आवंटन का प्रावधान करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन जाति, देश एवं धर्म की परिधि में नहीं बांधा जा सकता। शिवाजी का राज्य छोटा था, लेकिन उनका सोच बहुत विस्तृत था।