सपनों से जुड़े रहस्य कोई सुलझा नहीं पाया है, आज तक वैज्ञानिक भी इस गुत्थी को सुलझाने में असफल रहे हैं। अगर आप नींद में बार-बार बुरे सपने देखते हैं और ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं, तो सावधान हो जाइए।
अगर ऐसा है तो आप मानसिक बीमारी ‘पोस्ट ट्रामैटिक स्ट्रैस डिसऑर्डर’ (पीटीएसडी) का शिकार हो सकते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति चिड़चिड़ा और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है। ‘पीटीएसडी’ ऐसी समस्या है, जहां दिमाग में अतीत की घटनाएं वर्तमान में प्रतिक्रया देती हैं।
एक शोध में पता चला है कि बचपन में मन पर आघात व परिवारिक तनाव पीटीएसडी होने की संभावना बढ़ाते हैं। पीड़ित की मनोदशा में जल्दी सुधार और आघात के लक्षण कम करने के लिए चिकित्सक ‘मूड एलिवेटर’ थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए सम्मोहन (हिप्नोसिस) का भी सहारा लिया जाता है। जो काफी हद तक कारगर सिद्ध हुए हैं।