बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं देश, जीएसटी को लागू करना हमारा लक्ष्य: अरुण जेटली

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि 1 अप्रैल 2017 से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लागू करना हमारी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है.

इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि बैंकों की हालत में सुधार करना हमारी प्राथमिकता रहेगी, लेकिन बैंकों का निजीकरण करने का प्रस्ताव हमने फिलहाल टाल दिया है.

अंग्रेजी अखबार के अनुसार बुधवार को जेटली ने कहा कि ‘हमारे पास वक्त बहुत कम है, लेकिन फिर भी मैं कोशिश करूंगा कि हम जीएसटी को 1 अप्रैल 2017 से लागू कर दें.’

आम आदमी को जीएसटी से फायदे की उम्मीद
एक देश एक टैक्स की सोच देश में लागू होते ही इसका फायदा हर व्यक्ति को मिलेगा. इसके लागू होते ही 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स खत्म होंगे और सिर्फ तीन तरह के (सेंट्रल, स्टेट और इंटिग्रेटेड जीएसटी) टैक्स ही लगेंगे. सेंट्रल जीएसटी टैक्स केंद्र सरकार वसूलेगी. स्टेट जीएसटी टैक्स राज्य सरकार वसूलेगी, और इंटिग्रेटेड जीएसटी को केन्द्र राज्य दोनों वसूलेंगे, क्योंकि ये दो राज्यों के बीच कारोबार होने पर लगेगा.

कुछ चीजें सस्ती होंगी तो कुछ महंगी भी
जाहिर है ये सवाल हर जहन में होगा कि जीएसटी लागू होने से क्या सस्ता और क्या महंगा होगा? रेस्तरां में खाना खाना, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स मसलन एयर कंडीशन, माइक्रोवेव, मशीनरी सामान और माल ढुलाई सस्ती होगी तो जबकि डिब्बा बंद फूड प्रोडक्ट्स, चाय, कॉफी, मोबाइल बिल, क्रेडिड कार्ड का बिल, ज्वेलरी और कपड़ा महंगा हो जाएगा.

जीएसटी लागू होने से ग्रोथ रेट में इजाफा संभव
जीएसटी लागू होने के बाद दो से तीन बरस तक महंगाई बढ़ भी सकती है. वैसे सरकार का दावा है कि जीएसटी लागू होने के बाद ग्रोथ रेट में 2% का इजाफा होगा. हालांकि सच यह भी है कि पूरी दुनिया में जीएसटी लागू करने के बाद हुए चुनावों में कोई भी सरकार दोबारा नहीं चुनी गई है, क्योंकि शुरुआती सालों में कुछ चीजें महंगी हो जाती हैं, इसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है.

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