भारत के साथ रूस की दोस्ती को कोई हल्के में न लें, परमाणु समझौता सबसे अहम: पुतिन

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भारत और रूस के बीच हुई शिखर वार्ता में दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते सहित कुल 5 समझौतों पर करार हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को दोनों देशों का संयुक्त बयान जारी किया। तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 5 और 6 के निर्माण के लिए हुआ परमाणु समझौता सबसे अहम है क्योंकि इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रहीथीं। इसके अलावा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर भी दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है।

70 साल से भारत-रूस में रक्षा संबंध: मोदी
संयुक्त बयान जारी किए जाने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 70 वर्षों से दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंध हैं। भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को अब नई दिशा दी जा रही है। आर्थिक संबंधों में तेजी लाना हमारा सांझा उद्देश्य है।

भारत के साथ दोस्ती को हल्के में न ले: पुतिन
वहीं पुतिन ने कहा कि रूस के पाकिस्तान के साथ ‘घनिष्ठ’ सैन्य संबंध नहीं हैं। भारत के साथ उसकी करीबी दोस्ती को हल्के में नहीं लिया जा सकता। पुतिन ने कहा कि दुनिया में और कोई दूसरा देश नहीं है जिससे मिसाइल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में रूस की ऐसी गहन सांझेदारी हो और भारत के साथ सहयोग से वह लाभान्वित होता है।

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