आगर-मालवा – ईपत्रकार.कॉम |आज सोमवार को संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में राजस्व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर श्री अजय गुप्ता, डिप्टी कमिश्नर श्री पवन जैन, माफी अधिकारी श्री के.सी.तिवारी, अपर कलेक्टर श्री एन.एस.राजावत, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वय श्री के.एल.यादव, श्री महेन्द्रसिंह कवचे, डिप्टी कलेक्टर श्री मनीषकुमार जैन, सुश्री कल्याणी पांडे, सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं अन्य राजस्व अधिकारी तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में लम्बित राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए संभागायुक्त श्री ओझा ने निर्देश दिये कि लम्बित प्रकरणों का निराकरण बिना देरी के अनिवार्यतः किया जाये। सीएम हेल्पलाइन के अन्तर्गत प्रकरणों की समीक्षा करते हुए, उन्होंने इसकी रोज मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये। जनसुनवाई और समाधान ऑनलाइन की शिकायतें और उनके निराकरण के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी के साथ अपडेट रहने के निर्देश भी सभी सम्बन्धित कार्यालय प्रमुख को दिये गये। ऐसी शिकायतें जो 300 दिवस से अधिक समय से लम्बित हैं, उनका निराकरण तत्काल करने के निर्देश दिये। जिले की तहसीलों में कितने सर्कल हैं, कितने एसएलआर, एएसएलआर की जानकारी संभागायुक्त ने मौजूद अधिकारियों से ली।
बैठक में नजूल पट्टों के नवीनीकरण, भू-अर्जन मामले, लोक सेवा गारंटी अधिनियम और सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण की भी समीक्षा की गई। संभागायुक्त ने एल-3 और एल-4 स्तर की शिकायतों का शीघ्र निराकरण कर उसे निरंक किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पट्टों के वितरण की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ने राजस्व अधिकारियों को अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों का निरीक्षण करने और पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्व अधिकारी मुख्यालयों पर निवास करें।
संभागायुक्त श्री ओझा ने निर्देश दिए कि सीमांकन के प्रकरणों में जिन अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि अविवादित नामांतर, बंटवारे एवं फौती नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र करें। डायवर्शन के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने कहा कि डायवर्षन की स्थिति संतोषजनक नहीं है। जिन लोगों द्वारा कृषि भूमि का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा हैं, उनके विरूद्ध डायवर्शन के प्रकरण दर्ज कर सख्ती से वसूली की जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसुनवाई में प्राप्त सीमांकन, रास्ता विवाद, कब्जे आदि के आवेदनों को आरसीएमएस सॉफ्टवेयर में प्रकरण दर्ज करें। राजस्व अधिकारियों द्वारा पारित आदेश का राजस्व अभिलेख में इन्द्राज कराया जाए। विभिन्न राजस्व मदों में वसूली की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए, कहा कि जिले में राजस्व मदों में वसूली की स्थिति दयनीय है। उन्होंने निर्देश दिए कि अभियान चलाकर विभिन्न राजस्व मदों में वसूली की जाए। उन्होंने असेसमेंट रिकवरी के प्रकरणों के वसूली में और तेजी लाने को कहा।