हमारे सुरक्षाबल हर हालात और आतंकी खतरे से निपटने में सक्षम है-आंग सान सू

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म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने रोहिंग्या मामले पर दुनिया भर में हो रही आलोचनाओं का कड़ा जवाब दिया है. सू की ने कहा कि रोहिंग्या आतंकी हमलों में शामिल हैं. रोहिंग्या समूहों ने म्यांमार में हमले कराए. सू की ने कहा कि म्यामांर ने रोहिंग्या लोगों को संरक्षण दिया लेकिन नतीजा क्या निकला. हम आलोचनाओं से डरने वाले नहीं. सू की ने कहा कि जो लोग म्यांमार में वापस आना चाहते हैं, हम उनके लिए हम रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे.

आतंकी हमलों के पीछे रोहिंग्या

रखाइन इलाके में सिर्फ मुसलमान नहीं रहते वहां बौद्धों पर हमले कराए गए. सूकी ने कहा कि हमारे सुरक्षाबल हर हालात और आतंकी खतरे से निपटने में सक्षम है. सू की ने कहा कि रोहिंग्या ने म्यांमार में हमले कराए हैं. जो लोग पलायन कर रहे हैं हम उनसे बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि म्यामांर की सामाजिक स्थिति काफी जटिल है. हम जल्द ही हर तरह की समस्या का सामना करेंगे. सरकार शांति की ओर बढ़ने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है.

आंग सान सू की बोलीं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचनाओं से हम डरने वाले नहीं. मैं याद दिलाना चाहूंगी कि हमारी सरकार सिर्फ 18 महीने से सत्ता में है. हम शांति की कोशिशें कर रहे हैं. हम मानवाधिकार उल्लंघन की निंदा करते हैं. रखाइन स्टेट में शांति स्थापना के लिए हम हरसंभव कदम उठाएंगे. लेकिन आतंक की गतिविधियों से हम सख्ती के साथ निपटेंगे.

सू की ने कहा कि हमने रखाइन स्टेट में शांति स्थापित करने के लिए केंद्रीय कमेटी बनाई है. इस कमीशन की अगुवाई करने के लिए हमने डॉ. कोफी अन्नान को आमंत्रित किया है. हम इस क्षेत्र में शांति और विकास के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या के मुद्दे पर हमारे ऊपर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं, हम सभी आरोपों को सुनेंगे. सू की ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसे सजा जरूर दी जाएगी.

PAK आतंकी मसूज अजहर ने किया रोहिंग्या का समर्थन

पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर ने खुलकर रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन किया है. मसूद ने कहा,”ये म्यांमार मुस्लिमों का बलिदान ही है कि पूरी दुनिया में मुस्लिम समाज एक जुट हो गया है.” मसूद अजहर ने रोहिंग्या के बारे में कहा कि इस मुद्दे पर दुनिया के सभी मुस्लिमों को एक साथ आना चाहिए, हमें जल्द ही कुछ करना चाहिए.

रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने की योजना पर केंद्र सरकार ने 16 पन्नों का हलफनामा दायर किया है. इस हलफानामे में केंद्र ने कहा कि कुछ रोहिग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है. ऐसे में ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा साबित हो सकते हैं.

केंद्र ने अपने हलफनामे में साथ ही कहा, ‘जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय रोहिंग्या शरणार्थियों के आतंकी कनेक्शन होने की भी खुफिया सूचना मिली है. वहीं कुछ रोहिंग्या हुंडी और हवाला के जरिये पैसों की हेरफेर सहित विभिन्न अवैध व भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए.’

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