सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आदेश दिया है कि अब से बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के किसी भी गाड़ी का इन्श्योरेंस नहीं होगा। आने वाले दिनों में अगर वाहन मालिक के पास गाड़ी का प्रदूषण स्तर नियंत्रित होने का वैध प्रमाणपत्र नहीं होगा तो उसकी गाड़ी का सालाना इंश्योरेंस नवीकरण (रिन्यू) नहीं हो पाएगा। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए बीमा कंपनियों को वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र के बगैर गाडि़यों का इंश्योरेंस नवीकरण नहीं करने का आदेश दिये।
कोर्ट ने केन्द्र सरकार को 4 सप्ताह का समय देते हुए कहा कि इन चार हफ्तों में उसे सुनिश्चित करना है कि एनसीआर के सभी पंप पर पीयूसी केन्द्र मौजूद होने के साथ-साथ सड़क पर दौड़ने वाली सभी गाड़ियां पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर ही दौड़ रही हैं|
इप्का की रिपोर्ट में कहा गया था कि 96 फीसद गाडि़यां प्रदूषण जांच में पास हो जाती हैं। हालांकि सरकार ने कहा कि आनलाइन मानीटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह सभी गाडि़यों का डेटा बेस तैयार करे।
इप्का ने अपनी रिपोर्ट में वाहनों के धुंआ उत्सर्जन मानकों की समीक्षा की जरूरत पर भी बल दिया है। कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। 21 अगस्त कोर्ट विचार करेगा कि वाहनों के उत्सर्जन मानकों में फिलहाल बदलाव की जरूरत है कि नहीं।