अयोध्या में बने राम मंदिर, विवादित स्थल से दूर हटके बने मस्जिदः रिजवी

0

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बड़ा बयान दिया है. रिजवी ने कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनना चाहिए, वहां से दूर हटके मस्जिद का निर्माण किया जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर हमने अपनी बात रख दी है. आने वाले समय में अन्य पक्षकारों से भी मिलेंगे.

रिजवी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी बात सुनी है. यूपी और केंद्र सरकार का मसला है कि राम मंदिर बने. सरकार सहयोग करती है, तो समझौते की बात बन सकती है. उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि मस्जिद पर शिया समुदाय का दावा क्यों है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल से एक उचित दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद बनाई जा सकती है.

शिया वक्फ बोर्ड ने SC में दिया है हलफनामा
शिया वक्फ बोर्ड ने हलफनामे में कहा कि “दोनों धर्मस्थलों के बीच की निकटता से बचा जाना चाहिए, क्योंकि दोनों ही के द्वारा लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल एक-दूसरे के धार्मिक कार्यों में बाधा की वजह बन सकता है और कई बार यही दोनों पक्षों में विवाद का कारण बनता है.”

हलफनामे में कहा गया है, “इस मुद्दे के अंतिम निपटारे के लिए मस्जिद को मुस्लिम बहुल इलाके में बनाया जा सकता है, जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अति सम्मानित जन्मस्थल से उचित (रीजनेबल) दूरी पर हो.”

‘शिया वक्फ थी बाबरी मस्जिद’
शिया वक्फ बोर्ड ने यह भी कहा है कि इस मामले से सुन्नी वक्फ बोर्ड का कोई संबंध नहीं है, क्योंकि मस्जिद एक शिया संपत्ति थी. हलफनामे में कहा गया है, “चूंकि बाबरी मस्जिद एक शिया वक्फ थी, इसलिए मामले के शांतिपूर्ण निपटारे के लिए इसके अन्य पक्षों से बातचीत का हक केवल शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश को है.”

शिया बोर्ड ने यह भी सुझाव दिया है कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का सौहार्दपूर्ण हल सुझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाए, जिसमें सभी संबंद्ध पक्षों के सदस्य शामिल हों.

हलफनामे में कहा गया है कि इस समिति में प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय के नुमाइंदे भी हों और यह विवाद के सौहार्दपूर्ण हल के लिए सुझाव और प्रस्ताव दे.

तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित की है. यह अयोध्या भूमि विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं और विवादित भूमि के मालिकाना हक पर फैसला सुनाने के लिए सुनवाई कर रही है.

साल 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने फैसला दिया था कि भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटकर इसे संबंद्ध पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला को सौंप दिया जाए.

Previous article10 नवम्बर 2017 शुक्रवार, पंचांग एवं शुभ – अशुभ मुहूर्त
Next articleधूप में छांव की तलाश…. जोरदार शायरी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here