कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट के तहत आतंकियों के सफाए में लगे सुरक्षाबल अब जेहादियों के अंतिम गढ़ को ध्वस्त करने में जुट गए हैं। दक्षिण कश्मीर का शोपियां जिला आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना है और इसे उनके लिए ‘ग्राउंड जीरो’ के रूप में देखा जाता था, जहां वे खुलेआम घूमते थे। अधिकारियों ने बताया कि अब यहां सुरक्षाबलों की हलचल बढ़ गई है। सेना नए कैंप स्थापित कर रही है तो सीआरपीएफ की रिजर्व बटालियन पहुंच गई है।
अधिकारी के मुताबिक, इस साल अप्रैल में जब सुरक्षाबलों ने शोपियां जिले के हेफ शीरमाल इलाके में घुसने की कोशिश की तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद पुलिस, सेना और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के अधिकारियों ने शोपियां के संकट को दूर करने के लिए रात-रातभर जागना शुरू किया। शोपियां पीर पंजाल पहाड़ी रेंज के दक्षिण में स्थित है और आतंकियों के लिए जम्मू संभाग के डोडा, किश्तवाड़ और पुंछ इलाके में घुसने का रास्ता है।
पिछले साल 8 जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी के मारे जाने के बाद इस जिले के 37 युवक गायब हो गए। माना जा रहा है कि ये आतंकी संगठनों में शामिल हो गए होंगे।
अधिकारी ने बताया कि जवानों की संख्या बढ़ने के बाद लोकल इंटेलिजेंस मिलने लगा है। परिणामस्वरूप मुठभेड़ हो रहे हैं और कई बड़े आतंकी मारे गए, जिनमें हिज्बुल के लिए भर्ती करने वाला शेख मलदेरा और संगठन का फाइनैंसर वसीम शाह शामिल हैं।