कोरोना वायरस ने महिलाओं तथा पुरुषों के बीच असमानता की खाई को और गहरा किया : गुतारेस

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी ने महिलाओं एवं पुरुषों के बीच असामनता को और गहरा कर दिया है तथा लैंगिक समानता एवं महिला अधिकारों के मोर्चे पर हुई प्रगति को पलट दिया है। गुतारेस ने एक डिजिटल बैठक में युवा महिलाओं को आगाह किया, ‘‘ठोस कार्रवाई के बिना, हमारे सामने एक पीढ़ी को खोने का जोखिम है।” उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत से ही महिलाएं स्वास्थ्यकर्मियों, शिक्षकों, आवश्यक स्टाफ और अपने परिवारों तथा समुदायों में वाहक के रूप में कार्रवाई के अग्रिम मोर्चे पर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि यद्यपि 70 से 90 प्रतिश्त स्वास्थ्यकर्मी महिलाएं हैं, फिर भी केवल 30 प्रतिशत महिलाएं ही निर्णय निर्धारक भूमिकाओं में हैं।

गुतारेस ने कहा कि महामारी ने महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तथा शिक्षा को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज विश्वभर में किशोर उम्र की लाखों लड़कियां स्कूल से बाहर हैं, और कुछ देशों में किशोर उम्र की लड़कियों के गर्भवती होने के मामलों में वृद्धि की चिंताजनक खबरें हैं।” महासचिव ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि पश्चिम अफ्रीका में जब इबोला बीमारी के फैलने की वजह से किशोर उम्र की लड़कियों ने स्कूल छोड़ा तो फिर वे वापस नहीं आईं।”

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि विश्वभर से लैंगिक हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी की खबरें आ रही हैं क्योंकि अनेक महिलाओं को उन लोगों के साथ रहना पड़ रहा है जो उन्हें प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘महामारी की वजह से महिलाओं को अपने अधिकार और क्षमता हासिल करने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।”

महासचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने महिलाओं एवं पुरुषों के बीच असामनता को और गहरा कर दिया है तथा लैंगिक समानता एवं महिला अधिकारों के मोर्चे पर हुई प्रगति को पलट दिया है। गुतारेस ने आगाह किया कि ‘‘खोई हुई प्रगति की भरपाई करने में वर्षों, यहां तक कि पीढ़ियां खप सकती हैं।”

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