10 दिन तक देशभर में गणेश महोत्सव की धूम रहती है. अनंत चतुर्दशी पर शुभ मुहूर्त बप्पा का विसर्जन किया जाता है और उनसे अगले बरस जल्द आने की कामना करते हैं. गणपति की विशाल मूर्तियां नदी, तालाब में विसर्जित की जाती हैं वहीं आजकल घरों में भी लोग बप्पा का विसर्जन करते हैं. अक्सर गणेश विसर्जन में जानें-अनजानें व्यक्ति ऐसी गलतियां कर बैठता है जिससे पूजा का फल नहीं मिलता. आइए जानते हैं गणपति प्रतिमा को विदाई देते वक्त क्या सावधानियां रखनी चाहिए.
गणेश विसर्जन के नियम
विसर्जन से पहले की पूजा
गणेश विसर्जन से पहले बप्पा की विधि वत पूजा करें. उन्हें धूप, दीप, फूल, दूर्वा, नैवेद्य अर्पित करें. अब नदी, तालाब के तट पर विसर्जन से पूर्व उनकी पुन: आरती करें. इन 10 दिनों में भूल चूक के लिए माफी मांगे.
गणपित के साथ विसर्जित करें ये सामग्री
गणपति की अंतिम पूजा में जो भी सामग्री जैसे पान, सुपारी, पान, मोदक, दूर्वा, नारियल उन्हें अर्पित किया है उसे भी प्रतिमा के साथ विसर्जित करें. अक्सर लोग नारियल फोड़ देते हैं शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना अनुचित है. मान्यता है कि 10 दिन तक गणपति पूजा में रखा ये नारियल घर की नकारात्मक शक्तियों को अपने में समाहित कर लेता है. ऐसे में इसे विसर्जित करना चाहिए.
विसर्जन का सही तरीका
नदी, तालाब, या घर में गणपति की मूर्ति को जल में झटके से न डाले. धीर-धीरे प्रतिमा को विसर्जित करें. एकदम से मूर्ति छोड़ने पर टूट सकती है, जो अपशकुन माना गया है. ऐसा करने से बप्पा नाराज हो जाते हैं.