छोटी इलायची के हैं बड़े फायदे , जानकार हैरान हो जायेंगे

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भारतीय रसोई घरों में आमतौर पर उपलब्ध इलायची गले में दर्द और खराश को कम करने में मदद के लिए जानी जाती है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं इलायची को किस प्रकार से इन समस्‍याओं के समाधान के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं।

दरअसल, इलाएची से निकलने वाला तेल एक उपयोगी उत्तेजक है, यह एंटीसेप्टिक होता है जो पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है गले, सर्दी और खांसी को और अधिक ठीक करता है। गले की खराश और सर्दी का मुख्‍य कारण आंतों में जमा विषाक्‍त पदार्थ है, इससे इम्‍यून सिस्‍टम प्रभावित होता है। इसलिए इलायची का सेवन पाचन समस्‍याओं को समाप्‍त करने के लिए किया जाता है।

इलाइची में कई पौधे व्युत्पन्न अल्कोलोइड होते हैं जो उनके शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं। इसके इंटी-इंफ्लामेट्री गुण दर्द और सूजन को कम करते हैं, खासकर म्‍यूकस मेंबरेन या श्लेष्म झिल्ली के अलवा मुंह और गले की सूजन को खत्‍म करते हैं।

कफ और खांसी के लिए 
एक चुटकी इलायची पाउडर, एक चुटकी सेंधा नमक, एक चम्‍मच देसी घी और आधा चम्‍मच शहद को लेकर अच्‍छी तरह से मिक्‍स कर लीजिए। इसके बाद इसका सेवन कर सकते हैं। यह मिश्रण खांसी से तत्काल राहत प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

सूखी खांसी के लिए 
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के अनुसार हरी इलायची और लौंग का मिश्रण अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। यह आपके फेफड़ों को प्रभावित करने वाले प्रदूषण और धूल के कणों के कारण गले में होने वाली जलन से बचाता है। ये दोनों अवयव एंटीऑक्सीडेंट युक्‍त होते हैं, जो प्रदूषण के जहरीले प्रभाव को निष्क्रिय करते हैं।

गले की खराश के लिए 
पानी में एक इलायची को डाल दीजिए और पानी को गुनगुना कर लीजिए। इससे सुबह और शाम गरारा करने से गले की खराश दूर हो जाती है।

खांसी और जकड़न में –
इलायची और मिश्री को 3:1 अनुपात में लें और इनका पाउडर बना लें। प्रभावी परिणामों को देखने के लिए दिन में कम से कम दो से तीन बार पानी के साथ इस मिश्रण को 1-1 चम्‍मच लीजिए।

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