टीपू सुल्तान जयंतीः जश्न से क्यों गायब हैं CM कुमारस्वामी-BJP

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कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तीखे विरोध के बीच राज्य सरकार 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की आज जयंती मना रही है. भगवा पार्टी सहित तमाम संगठन राज्य सरकार के कार्यक्रमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच, बीजेपी ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से सवाल किया है कि वह जयंती समारोह से संबंधित कार्यक्रम में शामिल क्यों नहीं हो रहे हैं?

मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरे राज्य में टीपू सुल्तान की जयंती मनाई जा रही है. टीपू सुल्तान प्रशासनिक तौर पर प्रयोग करते रहते थे.

जयंती समारोह में शामिल नहीं होने को लेकर बीजेपी के तंज पर मुख्यमंत्री ने सफाई पेश की. उन्होंने कहा, ‘डॉक्टरों ने मुझे आराम करने की सलाह दी है. इसीलिए मैं जयंती समारोहों में शामिल नहीं हो पाऊंगा. इसका दूसरा अर्थ निकालने की जरूरत नहीं है. मैं अंधविश्वास के खिलाफ हूं और जो लोग कह रहे हैं कि मैं सत्ता खोने के डर में टीपू सुल्तान की जयंती में शामिल नहीं हो रहा हूं वह बिल्कुल झूठी बात है.’ कर्नाटक बीजेपी ने ट्वीट कर कुमारस्वामी की टीपू जयंती के समारोह में गैरमौजूदगी पर सवाल किए हैं.

बीजेपी का आरोप
असल में, शुक्रवार को बीजेपी नेता आर अशोक ने कहा था कि कुमारस्वामी टीपू जयंती में शामिल नहीं होंगे क्योंकि वे इसमें जाना नहीं चाहते. अशोक ने कहा, ‘सब लोग जानते हैं कि जो टीपू जयंती में गए उनका क्या हश्र हुआ. विजय माल्या को देश छोड़कर भागना पड़ा. संजय खान का चेहरा झुलस गया और सिद्धारमैया को मैसूर से चुनाव हारना पड़ा.’

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीएस येदियुरप्पा की पुरानी तस्वीरों को ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जयंती मनाने की रवायत रही है. इसमें ऐसा कुछ नहीं है कि इसमें ऐसा कुछ नहीं जिसे पिछली सरकार ने शुरू किया था. जैसे ही सत्ता में कोई पार्टी आती है, वह इस सूची में नए नामों को जोड़ती जाती है. पहले जब टीपू सुल्तान की जयंती मनाई जाती थी तब क्यों नहीं विरोध किया गया.

गौरतलब है कि बीजेपी इस आयोजन का शुरू से ही विरोध करती रही है. बीजेपी टीपू सुल्तान को कट्टर मुस्लिम शासक बताती है. बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान ने मंदिर तोड़े और बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण कराया. मगर इतिहासकार बताते हैं कि टीपू सुल्तान ऐसे भारतीय शासक था जिनकी मौत मैदान-ए-जंग में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ते-लड़ते हुई थी. साल 2014 की गणतंत्र दिवस परेड में टीपू सुल्तान को एक अदम्य साहस वाला महान योद्धा बताया गया था.

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