नोटबंदी के बाद घटी बिस्किट की बिक्री : पारले

0

भारत की बिस्किट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी पारले ने कहा है कि नोटबंदी के बाद उसकी बिक्री में 1.5 पर्सेंट तक की गिरावट आई है। पारले प्रॉडक्ट कैटिगरी हेड मयंक शाह ने बताया कि साल 2016 में पिछले 2 महीनों को छोड़ दें तो बिस्किट कैटिगरी की ग्रोथ 5 पर्सेंट रही है। सरकार द्वारा नोटबंदी का ऐलान किए जाने के बाद उपभोक्ता मांग में काफी कमी आई है और यह तब तक जारी रहने की आशंका जताई जा रही है जब तक कि सरकार मार्कीट में सही मात्रा में फिर से करंसी वापस नहीं ले आती है।

शाह ने कहा कि इस बीच लोगों के खर्च करने की आदतों में काफी अंतर देखने को मिल रहा है और इसे बदलने में काफी टाइम लगेगा। पारले बिस्किट का मार्कीट में 40 पर्सेंट का शेयर है जिसकी कीमत लगभग 25,000 करोड़ है। शाह ने कहा कि साल 2017 में ग्रामीण इलाकों की मांग में इजाफा ही सेक्टर के लिए ग्रोथ ड्राइवर का काम करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि शहरी उपभोग बढ़ रहा है लेकिन मॉनसून में हुई देरी के कारण ग्रामीण इलाकों की मांग में सुस्ती देखने को मिली। लेकिन उसके बाद ग्रामीण इलाकों में ते वृद्धि देखने को मिली क्योंकि किसान बंपर फसल की उम्मीद कर रहे हैं।

इसलिए 2017 में गामीण मांग को ही ग्रोथ ड्राइवर माना जा रहा है। नोटबंदी के बाद कन्ज्यूमर गुड्स कंपनियों को 10.2 पर्सेंट का नुकसान उठाना पड़ा है। केवल एफएमसीजी स्टॉक्स में ही 99,000 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इसमें आईटीसी और एचयूएल जैसी कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कुछ ऐनालिस्ट का मानना है कि कुल मिलाकर कन्ज्यूमर गुड्स सेक्टर में नोटबंदी से 40-70 पर्सेंट तक बिक्री में गिरावट दर्ज की जा सकती है।

Previous articleमानव जीवन की गरिमा के लिये अपनायें यीशू मसीह की शिक्षाएँ
Next articleडिजिटल इकोनॉमी का मतलब लेन-देन में कैश का कम इस्तेमाल-जेटली

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here