वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की बड़ी वजह नोटबंदी है। इसके साथ ही उन्होंने आगामी महीनों में इसमें इजाफे की संभावना भी जताई। वित्त मंत्री ने कहा कि नवंबर और दिसंबर के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के आधार पर पूरे साल के लिए अनुमान लगाना ठीक नहीं होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह नोटबंदी की अवधि थी। नवंबर की तुलना में दिसंबर अधिक चुनौतीपूर्ण था क्योंकि नवंबर में कई क्षेत्रों में पुरानी करंसी के इस्तेमाल की अनुमति थी। दिसंबर में यह पूरी तरह समाप्त हो गई। उन्होंने कहा कि दिसंबर में नई करंसी डालने का काम शुरुआती चरण में था। इसके साथ ही अनौपचारिक और औपचारिक अर्थव्यवस्था का एकीकरण हो रहा था।
आगामी महीनों में निश्चित तौर पर संगठित इकॉनमी में विस्तार की स्थिति देखेंगे। दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन 0.4 प्रतिशत घटा है। इस दौरान टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र के उत्पादन में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है