पर्यावरण की आराधना भारतीय संस्कृति की परंपरा है

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘हरियाली महोत्सव-2017’ के लिये अपने संदेश में पर्यावरण की आराधना को भारतीय संस्कृति की परंपरा बताया है। श्री चौहान ने कहा कि जीवन में संतुलन के लिये पर्यावरण में संतुलन आवश्यक है। हरियाली प्रत्येक जीव की जीवन रक्षा का कवच है। इस वर्ष नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान जागरूक ग्रामीण समुदाय ने माँ नर्मदा की सेवा करने और हरियाली को समृद्ध करने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नागरिकों के सहयोग से आगामी दो जुलाई को छह करोड़ पौधे रोपे जायेंगे। उन्होंने रोपे जाने वले पौधों की रक्षा करने को साझा जिम्मेदारी बताया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार वनों के संरक्षण और विकास के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि वानिकी विकास योजनाओं से जहाँ रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं हरियाली का भी विस्तार होगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि पौधरोपण के महत्वपूर्ण काम को जन-आंदोलन का रूप दें और पौधों की सुरक्षा कर, उन्हें स्वस्थ वृक्ष बनाने का संकल्प लें।

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