कॉलेज में एडमिशन की बल्ले-बल्ले के बाद बच्चा कुएं के मेंढक से समुद्र का मेंढक हो जाता है। जितना उसे स्कूल में बताया जाता है। कुएं से बाहर निकलकर समुद्र तक पहुंचने का रास्ता उतना आसान नहीं होता है।
ऐसे में आपके ये चार-पांच टिप्स जिनसे आप अपनी कॉलेज लाइफ थोड़ी आसान बना सकते हैं। फिल्मों में जो कॉलेज दिखाए जाते हैं। वह असल जिंदगी के कॉलेज जैसे नहीं होते। तो आप अपने दिमाग में यह बात न बिठा लें कि जैसे आप उनसे तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे होते हैं। ठीक वैसे ही लोग भी आपसे तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे होते हैं। कॉलेज जाते ही आपको स्टूडेंट ऑफ द ईयर की तरह किसी से कार रेस करनी है। सब आपकी ही तरह नए लोग होंगे।
घर से दूर रहने आए हॉस्टल वाले स्टूडेंट्स के लिए मुश्किलें थोड़ी और बढ़ जाती हैं। घर का खाना छूट गया ऊपर से हॉस्टल के छोटे से कमरे में छोटा सा बिस्तर मिला गांव से आये बच्चों को शहर अपना आत्मविश्वास खो देते है। सीखने की प्रक्रिया में गलतियां भी होंगी लेकिन उन गलतियों से सबक
सीखकर ही आप आगे बढ़ सकते हैं।
कॉलेज में आपको सब तरह के लोग मिलेंगे स्कूल में पढ़ते तो मां-बाप हर उलझन सुलझा देते थे। लेकिन यहां आपको चीज़ें खुद से संभालना सीखना होगा।
हम सबकुछ एक साथ कर डालना चाहते हैं। जब नई-नई आजादी मिलती है। तो ख्वाहिश जाग जाती है। और गलतियां कर बैठते हैं तो बेहतर है कि जल्दबाजी न करें। पढ़ाई को सबसे ज्यादा अहमियत दें लेकिन किताबी कीड़ा न बनें कॉलेज के दिन दोबारा नहीं आएंगे। इसलिए दोस्तों के साथ थोड़ी मौज-मस्ती भी जरूरी है। मौज-मस्ती हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। पहले उड़ना सीखें फिर आसमान में निकलें।