आयकर अधिकारी अब 10 साल पुराने कर के मामले खोल सकेंगे। वित्त विधेयक 2017 के दस्तावेज के अनुसार यदि छापेमारी में 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित आय या संपत्ति का पता चलता है तो दस साल तक पुराने मामले खोले जा सकते हैं। अभी तक आयकर अधिकारियों को 6 साल तक पुराने लेखे जोखे को खंगालने की अनुमति है।
आयकर कानून में संशोधन 1 अप्रैल, 2017 से प्रभाव में आएगा। इसका मतलब है कि आयकर अधिकारी 2007 तक के पुराने मामलों को खोल सकते हैं। इस संशोधन का मकसद एेसे मामलों में कर चोरी का पता लगाना है जिनमें छापेमारी या जब्ती की कार्रवाई के दौरान संपत्तियों में अघोषित निवेश के बारे में पुख्ता प्रमाण मिलते हैं। इसके तहत कर अधिकारियों को 10 आकलन वर्षों तक के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार मिलेगा। अभी तक वह छह आकलन वर्षों के लिए नोटिस जारी कर सकते हैं।
दस्तावेज में कहा गया है कि यदि 1 अप्रैल 2017 को या उसके बाद धारा 132 के तहत छापेमारी की गई है तो धारा 153 ए का संशोधित प्रावधान लागू होगा। विदेशों में अघोषित संपत्ति के मामले में सरकार ने कर अधिकारियों को 16 साल तक पुराने मामले खोलने की अनुमति दी है।