प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी -अब्बासी की मुलाकात की कोई योजना नहीं-MEA

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स्विट्जरलैंड में 23 से 26 जनवरी तक आयोजित हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की वार्षिक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाहिद खाकान अब्बासी के बीच द्विपक्षीय मीटिंग की कोई योजना नहीं है. ये जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है.

बता दें कि अगले हफ्ते दावोस में होने जा रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक में पीएम मोदी खुद शामिल होंगे. बीते तीन साल से वित्तमंत्री अरुण जेटली भारत की तरफ से इस सम्मेलन में शरीक हो रहे थे. विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंधों के सचिव विजय गोखले ने बताया, ‘पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ बैठक की कोई योजना नहीं है.’

पाकिस्तान आधारित आतंकी समूहों के लगातार हमले और सीजफायर उल्लंघन के चलते दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अब्बासी दावोस में उसी दिन मौजूद रहेंगे, जब पीएम मोदी वहां पहुंच रहे हैं.

स्विटजरलैंड के दावोस शहर में आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर से 350 से अधिक राजनेता पहुंच रहे हैं. इनमें लगभग 60 देशों के प्रमुख भी शामिल हो रहे हैं. खास बात है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के ऐलान के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस सम्मेलन में शरीक होने का ऐलान कर दिया है. हालांकि दोनों की मुलाकात के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, क्योंकि कार्यक्रम में ट्रंप और मोदी की मौजूदगी एकसाथ नहीं होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भारत से वित्त मंत्री अरुण जेटली, कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्री सुरेश प्रभु, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम और स्किल डेवलपमेंट मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह शामिल हो रहे हैं.

दावोस में इस सम्मेलन की खास बात यह है कि यहां दुनियाभर से सैकड़ों मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रमुख भी एकत्र होते हैं. चार दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का जमावड़ा रहता है.

इस सम्मेलन के दौरान जहां दुनियाभर से एकत्र हुए राष्ट्राध्यक्ष अपने देश के लिए अधिक विदेशी निवेश लुभाने की कोशिश करते हैं, वहीं विदेशी निवेशक और मल्टीनेशनल कंपनियां ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए दुनियाभर की अर्थव्यवस्था से बड़े आर्थिक सुधार करने की अपील करती हैं.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दूसरा स्विट्जरलैंड दौरा है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जून 2016 में स्विट्जरलैंड के दौरे पर गए थे. इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कालेधन पर लगाम के लिए स्विट्जरलैंड सरकार से भारतीयों द्वारा पैसा जमा कराए जाने पर ऑटोमैटिक आधार पर सूचना देने की सहमति बनाने का काम किया था.

प्रधानमंत्री मोदी के इसी दौरे पर दोनों सरकारों ने कालेधन के मुद्दे पर गंभीर वार्ता की थी और दोनों देशों ने टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए अहम सहमति भी बनाई थी. इस दौरे के लगभग 6 महीने बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कालेधन पर बड़ा हमला करने के लिए नोटबंदी का ऐलान किया था.

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