भारत से नहीं, भारत में मांग रहे आजादी : कन्हैया कुमार

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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार गुरुवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। उन्हें 20 दिन पहले देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। रिहाई के बाद कन्हैया जब विश्वविद्यालय परिसर पहुंचा तो वहां उसका छात्रों एवं शिक्षकों ने स्वागत किया। कन्हैया के स्वागत में बड़ी तादाद में छात्र नारेबाजी कर रहे थे और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे। कन्हैया के पहुंचते ही अचानक स्ट्रीट लाइटें बंद हो गईं जिससे वहां अंधेरा छा गया, लेकिन छात्रों ने रोशनी का इंतजाम कर कन्हैया का स्वागत किया।

छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा कि जेएनयू को बदनाम करने की कोशिश की गई। सिस्टम से आजादी मांगना गलत है क्या? भूखमरी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से आजादी मांगना क्या गलत है? हम भारत नहीं, भारत में आजादी मांग रहे हैं। कोर्ट में चल रहे देशद्रोह के मामले पर उन्होंने कहा कि अभी मामला कोर्ट में है, इसलिए इसपर कुछ नहीं बोलूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कन्हैया ने कहा कि हम भी सत्यमेव जयते कहते हैं।

कन्हैया ने आगे कहा, मेरे प्रधानमंत्री के साथ मतभेद हैं, लेकिन मैं उनके सत्यमेव जयते वाले ट्वीट से सहमत हूं क्योंकि वह शब्द हमारे संविधान में है। सीमा पर शहीद होने वाले जवानों के लिए कुमार ने कहा कि शहीद जवानों को हमारा सलाम। लोगों को आपस में लड़ाने की कोशिश हो रही है। लोगों के बीच आज वैज्ञानिक सोच की जरूरत है।

छात्रसंघ अध्यक्ष ने आगे कहा, प्रधानमंत्री मन की बात तो करते हैं, पर सुनते नहीं हैं। देश में जो हो रहा है वह खतरनाक प्रवृति है। आप झूठ को भले ही झूठ के तौर पर पेश कर सकते हैं, लेकिन सच को झूठ नहीं बना सकते हैं। कन्हैया ने भारतीय जनता पार्टी के छात्रसंठन एबीवीपी पर भी हमला बोला। उन्होंने आगे कहा, हम भाजपा, आरएसएस और एबीवीपी के खिलाफ जमकर खड़े होंगे। छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि जेएनयू पर हुआ हमला नियोजित था। जेएनयू को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

 

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