महापुरूषों के स्मारकों के संबंध में दोहरा मापदंड अपना रही है भाजपा: मायावती

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बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी महापुरुषों के नाम पर बनने वाले स्मारकों के संबंध में दोहरा मापदंड अपना रही है। मुबंई में मरीन ड्राइव के निकट अरब सागर में 3,600 करोड़ रुपये की लागत से से बनने वाले शिवाजी स्मारक के शिलान्यास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने यहां कहा कि शिवाजी स्मारक बनाना अगर सही है तो दलितों व अन्य पिछड़े वर्ग में जन्में महान सन्तों, गुरुओं और महापुरुषों के नाम पर बसपा सरकार द्वारा निर्मित स्मारक और पार्क का निर्माण करना गलत एवं फिजूलखर्चीकैसे हो सकता है।

उन्होंने कहा कि बसपा सभी महान सन्तों, गुरुओं और महापुरुषों को आदर सम्मान देने के क्रम में उनके नाम से भव्य स्मारक, संग्रहालय व पार्क आदि के निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, मगर यही काम जब बसपा की सरकार करती है तो उसकी आलोचना क्यों की जाती है और उसे फिजूलखर्ची क्यों बताया जाता है। इससे भाजपा का दोहरा चाल, चरित्र व चेहरा उजागर होता है और तथा दलितों और पिछड़े वर्ग के प्रति इनकी हीन व जातिवादी मानसिकता भी प्रदर्शित होती है।

बसपा सरकार में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को मिला आदर-सम्मान
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी के शासनकाल में जिन महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को आदर-सम्मान देने का काम किया गया है, उन्हें आजादी के बाद की सभी सरकारों ने उनकी घोर उपेक्षा की और उनका तिरस्कार किया। बसपा सरकार को इस संबंध में भी पहल करनी पड़ी थी, मगर अब यह काम पूरा कर लिया गया है।

अखिलेश यादव पर कटाक्ष
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुये उन्होंने कहा कि शिलान्यास, घोषणा व आधे-अधूरे कार्यो का उद्घाटन करके अपने नाम का पत्थर लगाकर सूबे की जनता को अब बरगलाया नहीं जा सकता है। जनता सपा और भाजपा के हथकण्डों को खूब समझती है। उन्होंने कहा कि चुनावी स्वार्थ और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की इसी प्रकार की कोशिश के तहत इलाहाबाद मे सेतु व पहुँच मार्ग बिना समुचित बजट आवंटन के ही इस प्रकार के कार्यों के शिलान्यासों के कारण ही प्रदेश भर में सैकड़ों कार्य धन के अभाव में अधूरे पड़े हैं, जो ना केवल गलत बल्कि निन्दनीय भी है।

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