मुझे क्या खौफ़ इन अंधेरों से माँ

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जिन्दा जज्बात दिल-ए-फौलाद रखता हूँ,

अजीज मिजाज ज़ख्म-ए-इलाज रखता हूँ,

मुझे क्या खौफ़ इन अंधेरों से माँ,

तेरी दुआओं का दीया जो अपने पास रखता हूँ।

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